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कलराज ने कृषि एक्ट वापसी पर मोदी की मंशा साफ कर दी - अतुल कुमार

नई दिल्ली। अनजान आर एस एस एवं भाजपा के सक्रिय नेता, वर्तमान में संवैधानिक पद पर बैठे राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा जी ने अभी हाल में ही वक्तव्य देकर साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो फिर से कृषि कानूनों को संसद में नए तरीके से पेश किया जाएगा । राष्ट्रीय किसान आयोग (डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग) के पूर्व सदस्य एवं अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल ने आर एस एस और भाजपा के केंद्र सरकार की मंशा को जाहिर कर दिया है। संसद में जब तक 3 काले कृषि कानून वापस नहीं होते और सभी कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती एवं बिजली बिल 2020 को वापस नहीं लिया जाता किसानों का आंदोलन जारी रहेगा । कुछ लोग यह कहते हैं किसान बिजली बिल 2020 का क्यों विरोध करते हैं ? अतुल कुमार अनजान ने कहा कि किसान इसलिए विरोध करते हैं कि सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि समाज के सभी वर्गों को  इससे गहरी आर्थिक चोट पहुंचने वाली है । इस बिल के संसद में  पारित होते ही देश के सारे सरकारी बिजली बोर्ड निजी क्षेत्र के हवाले कर दिए जाएंगे । जिनकी कीमत अभी 10 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की है।और फिर केंद्र एवं राज्य सरकारों के बिजली निगम, बोर्ड निजी हाथों में जाने के बाद 19 और 20 रुपए में प्रति यूनिट बिकेगी । इसलिए इस बिल की वापसी कराना खेती किसानी के लिए ही जरूरी नहीं बल्कि आम शहरी, नागरिकों, व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए ,साधारण परिवारों के लिए चाहे वह उच्च मध्यवर्ग, मध्यम वर्ग,  निम्न मध्यम वर्ग,  किसान सहित ग्रामीण भारत के लोग हो उन्हें और उनके बजट को बुरी तरह प्रभावित करेगी ।सरकार की सोच और किसानों के राष्ट्रव्यापी संघर्ष की दिशा एवं दृष्टिकोण  बहुत साफ है । किसान सभा महासचिव ने किसानों से अपील की है 22 नवंबर की लखनऊ महापंचायत को सफल बनाएं। साथ ही  उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,राजस्थान, हरियाणा ,पंजाब के किसान बड़ी  संख्या में  किसान संघर्ष के 1 वर्ष पूरे होने पर 26 नवंबर को दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर इकट्ठा हो होकर किसान संघर्ष की बरसी मनाएंगे और विशाल जनसभा आयोजित करेंगे । 28 नवंबर को सारे देश में मशाल जुलूस निकालकर  तीन कृषि कानूनों सहित बिजली बिल की वापसी , लेबर कोड की वापसी तथा सभी कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करेंगे । 29 नवंबर को नवंबर को किसान टिकरी बॉर्डर से ट्रैक्टरों के माध्यम से संसद की ओर रोजाना कूच करेंगे और वहां सरकार को अपना ज्ञापन सौंपेंगे जारीकर्ताअतुल कुमार अनजान राष्ट्रीय महासचिव, आईबी अखिल भारतीय किसान सभा, पूर्व सदस्य डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग (राष्ट्रीय किसान आयोग)

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