मल्हारगढ(गोपाल मालेचा)। त्यौहार चाहे कोई भी हो असामाजिक तत्व सक्रिय होकर नगर का माहौल गंदा करने की कोशिश में लग जाते है । दीवाली हो या ईद ऐसे होगो का कोई धर्म नही होता ऐसे लोगो को नगर की फ़िजा में आग लगाने में ही मज़ा आता है । नवरात्रि से लेकर दीवाली की तैयारियां की जा रही थी कल वो दिन आ भी गया सभी ने अपने घरों में माँ लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना कर बड़ो का आशीर्वाद लिया । पूजा करने के बाद महिलाओं,बच्चों युवकों ने घरों के बाहर फटाखे भी चलाये, एक दूसरे से गले मिलकर बधाइयां भी दी । एक ऐसा असामाजिक तत्वों का तबक़ा जो इनकी खुशियों में आग लगाने की कोशिश में था । रात भर नगर के मुख्य चौराहों ओर गलियों में हिंगोट युद्ध जैसी परम्परा देखने को मिली कुछ हुड़दंगी असामाजिक तत्व इस हिंगोट युद्ध शामिल हो गए।
जिन्होंने त्यौहार की आड़ में अपनी मस्ती में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। नगर के कई लोग हिंगोट युद्ध जैसी नई परम्परा से नाराज भी दिखे जिनसे सिवाय नुकशान के कुछ भी हासिल नही होता । लेकिन त्यौहार है ये देख किसी ने इनसे कुछ नही कहा वही पुलिस भी तमाशा बन देखती रही । हाई कोर्ट भी हिंगोट युद्ध पर टिप्पणियां कर चुकी है हिंगोट युद्ध जैसे फटाखो के खेल न खेले जाए इनसे लोगो की जानमाल का नुकसान होने की आशंका बनी रहती है । प्रशासन की शांति जैसी तमाम कोशिशों के बाद भी मल्हारगढ नगर में कल दीवाली की रात कुछ युवा सड़को पर हिंगोट युद्ध जैसे खेल खेलते नजर आए । इनमें से कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्ही तहसील कार्यालय के बाहर खड़ी दो कारो पर फटाखे रखकर भी चलाये आगे के कांच फोड़ डाले । असामाजिक तत्वों ने उन्ही गाड़ियों को निशाना बनाया जिनकी पूजा की गई थी, बस स्टैंड पर गुप्ता रेस्टोरेंट के बाहर लगा टेंट को आग से नुकसान पहुचाया, स्टेशन रोड पर चाय की का छपरा बना बांस को भी तोड़ा, एक बच्चे के भी हाथ मे चोट लगने की जानकारी आई बच्चे के पिता से तूतू-मेंमें भी हुई । मल्हारगढ शहर में पहले ऐसा कभी नही हुआ पुलिस को ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त रुख अपनाकर कार्यवाही करना चाहिए ताकि दौबारा ऐसी हरकतें न हो।