श्रीगंगानगर। राजियासर नेशनल हाइवे 62 पर बीकानेर और सूरतगढ़ के बीच बुधवार सुबह पांच बजे के आसपास ट्रक और ट्रेलर की भिड़ंत के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई जिससे दोनों ड्राइवर जिंदा जल गए। टक्कर के बाद धमाका हुआ और दोनों वाहनों में आग लग गई। हादसे के समय एक वाहन में ड्राइवर के साथ खलासी भी सवार था, टक्कर होते देख वह बाहर कूदा और उसकी जान बच गई। हालांकि वह भी अभी घटना के बारे में कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं है। राजियासर पुलिस ट्रक के चालकों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
धमाके की आवाज से खुली आंख
हादसे के समय राजियासर में एनएच के आसपास रहने वाले लोगों की नींद तेज धमाके की आवाज से खुली। लोगों ने देखा तो ट्रक और ट्रेलर भिड़े हुए थे तथा इनमें आग की लपटें निकल रही थीं। लोगों ने एक वाहन से कुछ दूरी पर एक खलासी को देखा। उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
हादसे की जानकारी मिलते ही सूरतगढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन और सूरतगढ़ नगर पालिका की फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। इससे पहले आसपास के लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। मौके पर पहुंची दोनों फायर ब्रिगेड ने करीब दो घंटे तक मशक्कत कर आग पर काबू पाया। सुबह सात बजे के आसपास आग पर काबू पाया जा सका। जहां हादसा हुआ वह व्यस्त बाजार है तथा आसपास कई दुकानें हैं। ऐसे में बड़े हादसे की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों सबसे पहले पानी डालकर डीजल टैंक को बचाया। हादसे के बाद आसपास के लोगों ने पानी डालकर डीजल टैंक बचाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि दोनों वाहनों के डीजल टैंक फट जाते तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। हादसे के समय ट्रक बीकानेर की ओर से आ रहा था तथा इसमें ग्रिट भरी हुई थी। वहीं ट्रेलर खाली था और यह सूरतगढ़ से बीकानेर की तरफ जा रहा था।
डीजल टैंक बचाने की कवायद
हादसे के दौरान दोनों ट्रकों के ड्राइवर भी जिंदा जल गए। हालांकि उनके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हादसे में जिंदा बचा एक वाहन का खलासी भी हादसे के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। फिलहाल आग बुझा दी गई है। मौके पर पहुंची राजियासर पुलिस ट्रक के चालकों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
हादसे के बाद आसपास के लोगों ने पानी डालकर डीजल टैंक बचाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि दोनों वाहनों के डीजल टैंक फट जाते तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। एनएच 62 पर जहां हादसा हुआ वह व्यस्त बाजार है तथा आसपास कई दुकानें हैं। ऐसे में बड़े हादसे की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों सबसे पहले पानी डालकर डीजल टैंक को बचाया।