भोपाल। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भीमा नायक की छवि कागजों में नहीं, बल्कि हमारे दिलों में है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनका और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बड़ा योगदान है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शहादत को याद करने के लिए आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हमें आजादी के वीरों को किसी एक दिन नहीं, बल्कि उन्हे हर दिन यादकर उनकी वीरता से प्रेरणा लेना चाहिए।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने बुधवार को बड़वानी में शहीद भीमा नायक की शहादत दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्यपाल श्री पटेल ने देश में चल रहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि वे जब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में जाते है और दीक्षा लेने वालों में बेटियों की संख्या अधिक पाते हैं, तो उन्हें बहुत खुशी होती है। इससे ज्ञात होता है देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान अपनी सार्थकता सिद्ध कर रहा है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में सिकलसेल बीमारी के बारे में भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बीमारी के लिए हमारा जागरूक होना एवं सही उपचार लेना आवश्यक है। तभी सिकलसेल बीमारी के कुचक्र से बाहर आया जा सकता है।
पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने शहीद भीमा नायक के शहादत दिवस पर उन्हें नमन् किया और कहा कि आजादी के वीरों का सम्मान देने के लिए देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश के ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जो इतिहास के पन्नों में गुम थे, उन्हें यादकर आने वाली पीढ़ी को उनकी वीर गाथाओं से अवगत कराया जा रहा है।
लोकसभा सांसद श्री गजेन्द्र सिंह पटेल ने भी शहीद भीमा नायक की शहादत की गाथा सुनाते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाकर हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहे हैं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून रखना चाहिए। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाओं से भी उपस्थितों का अवगत कराया। राज्यपाल श्री पटेल को मंत्री श्री पटेल ने जनजातीय जैकेट पहनाया एवं साफा बाँधा।