छिंदवाड़ा वन परिक्षेत्र की कन्हन रेंज में मिला मृत बाघ। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
छिंदवाड़ा। बिछुआ के ग्राम सहान वाडी से जंगल में बुधवार को एक बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है। मामला वन परिक्षेत्र की कन्हन रेंज का है। सौसर के एसडीओ प्रमोद चोपरे ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। बाघ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वन्य अधिकारियों का कहना है कि मामले की छानबीन कर रहे हैं। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत के कारणों की सही जानकारी मिल सकेगी। बाघ की मौत से वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि यहां इस प्रकार के मामले पहले भी आ चुके है।
पहला मामला
6 जुलाई को कुंडीपुरा पुलिस ने सिवनी मार्ग पर तीन आरोपितों को पकड़ा था जिनके पास से बाघ की खाल तथा नाखून तथा पंजे बरामद किए गए थे। आरोेपित बालाघाट के रहने वाले थे तथा 15 दिन पहले किरनापुर में शिकार किया था। आरोपित बाघ की खाल बेचने की फिराक में थे इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस खुद खरीददार बनकर पहुंची तथा 10 लाख रुपये में बाघ की खाल बेचना तय हुआ था। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपितों को खाल के साथ पकड़ लिया। पुलिस इस मामले में 10 लोगों को आरोपित बना चुकी है तथा खाल को जांच के लिए लैब पहुंचाया गया है।
दूसरा मामला
31 जुलाई को नागपुर वन अमले ने पांढुर्ना के बिछुआ साहनी में दबिश देकर किसान के घर के पीछे बने कोठे से बाघ की खाल बरामद की थी। आरोपित मोतीलाल सलामे ने कुछ समय पूर्व अपने कुछ साथियों के साथ नागपुर वनपरिक्षेत्र में बाघ का शिकार किया था तथा बाघ को साथ लाकर घर पर रखा था। पकड़े गए आरोपितों ने खाल को बिछुआ साहनी में छिपाना बताया था। जिसके बाद कार्रवाई की गईं। बाघ के शिकार के बाद आरोपित किसान खाल को जिले में बेचने की फिरार में था लेकिन जिले के वनअमले को सूचना नहीं लग पाईं। नागपुर वन अमला इस मामले में अभी जांच कर रहा है जिसमें एक और अारोपित को गिरफ्तार किया गया है जो खाल बेचने में लगा हुआ था जिसने खाल को बेचने छिंदवाड़ा तथा बैतूल में सपंर्क किया था।
तीसरा मामला
5 अगस्त को पश्चिम वनमंडल के अधिकारियों ने बाघ की खाल के साथ कई आरोपितों को पकड़ा जिनके पास से खाल, हड्डियां बरामद की गई। आरोपितों ने झिरपा के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बाघ का करंट लगाकर शिकार कर किया था। बाघ की खाल को आरोपित बेचने की फिराक में थे जिसकी जानकारी वन अमले को लगी जिसके बाद वन कर्मी ही पड़िहार बनकर पहुंचा जिसके बाद सभी आरोपित पकड़े गए। झिरपा में करंट लगाकर बाघ का शिकार किया गया जिसकी भनक वन अमले को नहीं लग पाई, आरोपित खाल का सौदा करने घूम रहे थे जिसके कारण वह पकड़ में आ गए।