जलसंसाधन विभाग की ठेकेदार फर्म से 99 लाख रुपए निजी बैंक खाते में ट्रांसफर करने का आरोप
भोपाल। पूर्व आईएएस राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के आरोप में प्रकरण दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। जुलानिया पर आरोप है कि जल संसाधन विभाग की सब ठेकेदार फर्म अनी इंफ्रा से निजी खाते में 99.50 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए।
इस बारे में लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता भोपालि निवासी नेमीचंद्र जैन को लिखित सूचना दी है कि उनकी शिकायत पर रिटायर आईएएस जुलानिया के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 0094/ई/22 दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है। शिकायतकर्ता 2 अगस्त 2022 को लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि जुलानिया रिटायरमेंट के बाद भोपाल में जिस बंगले में रहते हैं उसका भूखण्ड खरीदने की रकम अर्नी इन्फ्रा के खाते से अलग अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के एकाउंट में भेजी गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। तब ईडी ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है जो जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े ठेकेदार राजू मेंटाना की ओर से मप्र के वरिष्ठ अफसरों को रिश्वत बांटने का काम करती है। अर्नी इंफ्रा को मेंटाना की ओर से 93 करोड़ के काम सबलेट के नाम से मिले थे। शिकायत के अनुसार राज्य सरकार ने 22 अगस्त 2016 को जुलानिया को जल संसाधन विभाग से हटाया और आईएएस पंकज अग्रवाल को प्रभार दिया। उसके बाद ही मेंटाना कंपनी को ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया था,लेकिन अचानक सरकार ने पंकज अग्रवाल को हटाकर जुलानिया को फिर से जल संसाधन में पदस्थ कर दिया था। इसके बाद मेंटाना को ब्लेक लिस्ट से हटाकर फिर से करोड़ों रुपए के काम सौंप दिए गये।
