वाहनों में हो रही टूट-फूट सफर में लग रहा समय
बेगमगंज। बूढ़ागंज से बेगमगंज और बेगमगंज से राहतगढ़ तक करीब 50 किलोमीटर का मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गया है जिसके कारण वाहनों में तो टूट-फूट हो ही रही है वहीं सफर में भी लोगों को समय अधिक लग रहा है। आए दिन सड़क के गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं भी सामने आ रही हैं उसके बावजूद एमपीआरडीसी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। शायद विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है एक माह के अंदर करीब डेढ़ दर्जन दुर्घटनाएं सड़क के गड्ढों के कारण सामने आ चुकी हैं जिसमें दोपहिया और चार पहिया वाहन शामिल है।
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सागर भोपाल मार्ग गड्ढों में तब्दील |
उक्त मार्ग पर पड़ने वाले कुछ पुल भी जर्जर स्थिति को पहुंच चुके हैं जिनमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और जोड़ खुलने लगे हैं जिसमे ढाडिया के पास जो पुल है उसके जोड़ भी खुल गए हैं। और बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं । इसके साथ ही बीनापुर पर जो नया पुल बनाया गया है पुल के दोनों और सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं गड्ढों से वाहन अनियंत्रित होकर पुल की सपील से टकराकर कर कई लोग घायल हो चुके हैं।
यही हाल खानपुर के पुल से लेकर आलमपुर तक के मार्ग का है जहां मार्ग पर लंबी लंबी दरारें डामर के एकत्रित होने से उभर आई हैं जिनसे दो पहिया वाहन सिलिप हो रहे हैं।
तो सुमेर का बड़ा पुल व खिरिया नाले के पुल की सपील टूटे हुए करीब 2 साल हो चुके हैं लेकिन आज तक विभाग ने सुधार की तरफ ध्यान नहीं दिया है सुमेर के पुल पर एक ट्रक भी टूटी सपील से नीचे गिर चुका है वही खिरिया नाले की टूटी सपील से जीप, बाइकें ट्रैक्टर नीचे गिरकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और चालक घायल हो कर अस्पताल पहुंच चुके हैं बावजूद इसके कई बार समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बाद भी एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया वह आज भी वह दुर्घटना के लिए निमंत्रण दे रहे हैं।
बड़े वाहन मालिक रामबाबू गुप्ता, मुनीर खां मंसूरी, आरिफ राईन, आनंद कुमार जैन, देवेंद्र जैन, रमेश राय, प्रदीप कुमार जैन आदि का कहना है कि इस 50 किलोमीटर के सफर में आए दिन वाहनों में टूट-फूट हो रही है और समय भी अधिक लग रहा है गाड़ी धीमी रफ्तार से चलने पर डीजल भी अधिक लग रहा है एक और शासन रोड टैक्स वसूल करती है वही सागर और रायसेन में टोल टैक्स वसूल किया जाता है लेकिन मार्ग के सुधार की तरफ संबंधित विभाग का ध्यान नहीं होने से वाहन चलवाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। एमपीआरडीसी विभाग को मार्ग के सुधार की तरफ से ध्यान देना चाहिए।
किसान सौरभ शर्मा, बाल गिरी गोस्वामी, जाहर सिंह लोधी, प्रदीप दुबे, राकेश जैन, गोविंद गौर, यूनुस अली, भगवान सिंह सोलंकी आदि का कहना है कि किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियों में ऐसे खराब मार्ग से अपनी उपज मंडी में विक्रय हेतु ले जा रहा है जिससे हमेशा खतरा बना रहता है और ट्राली अक्सर पंचर हो रही हैं यह सब सड़क के गड्ढों के कारण हो रहा है विभाग को शीघ्र सुधार कराना चाहिए।
इस संबंध में एमपीआरडीसी के एजीएम डीके स्वर्णकार का कहना है कि मार्ग के गड्ढों को समतल कराया जा रहा है। काम प्रगति पर है।