बेगमगंज। सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रकट किया और जिला मुख्यालय आंदोलन में शामिल होने के लिए वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुए।
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जैन समाज ने विरोध स्वरूप दुकाने कि बंद |
भारत देश ही नहीं,संपूर्ण विश्व में जैन समाज के लिए अत्यंत प्राचीन और सत्य सनातन जैन धर्म की परंपरा के अनुसार बीस तीर्थंकरों की मोक्षस्थली एवं अनंतों-अनंत संतो की मोक्षस्थली,पवित्र और अहिंसक तीर्थराज सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज गिरिडीह (झारखंड) में स्थित है जिसको झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर,इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण,पर्यटन स्थल घोषित किया है जिस पर सम्पूर्ण जैन समाज में रोष व्याप्त है शहर में जैन समाज के द्वारा बुधवार को सरकार के इस फैसले के विरोध में अपनी अपनी दुकानें एवं प्रतिष्ठान बंद रखें और यात्री बसों और निजी चार पहिया वाहनों से काफी तादाद में महिला पुरुष जिला मुख्यालय आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुए । हालांकि बाजार की अन्य दुकानें खुली रही। जैन समाज के प्रतिष्ठान पूर्ण रुप से बंद नजर आए।