बरेली।उत्तर प्रदेश का बरेली शहर रविवार रात कोहरे की चादर से ढक गया जो सोमवार सुबह 10 बजे तक ढका रहा।कोहरे ने ट्रेन और बसों की रफ्तार को रोक दिया।जिससे ट्रेन घंटों की देरी से बरेली जंक्शन पर पहुंचीं और देरी से रवाना हुईं।यात्रियों को काफी दिक्कत भी हुई।
बरेली के तापमान में काफी गिरावट आई है।रविवार रात बरेली का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस था,लेकिन रविवार दिन में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस था। तापमान में गिरावट से लोगों के आवागमन में कमी आई है।लोग गर्म कपड़े पहनकर घरों से निकल रहे हैं, तो वहीं मार्केट में जैकेट, शूटर, जर्सी, चादर, और कंबल की बिक्री बढ़ी है।
आज सुबह कितना रहा एक्यूआई
ठंड में भी बरेली शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) में कमी नहीं आ रही है।सोमवार सुबह चार बजे शहर का एक्यूआई 270 था।लंबे समय से शहर का एक्यूआई खराब स्थिति में है।जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगी है।शहर में धूल और धुएं के मिश्रण से हवा जहरीली हो गई है।इसको लेकर 30 नवंबर को राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने भी चिंता जताई थी।इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है।
सोमवार सुबह 10 बजे एक्यूआई 175 था।शहर के सिविल लाइंस का 179, राजेंद्र नगर 177 और सुभाषनगर का 168 है।इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 110, राजेंद्र नगर का 106 और सुभाषनगर का 89 है, जो काफी बताया जा रहा है।पीएम 10 सिविल लाइंस का 175, राजेंद्र नगर का 223, और सुभाषनगर का 158 हो गया है।
कितना होना चाहिए एक्यूआई
0 से 50 एक्यूआई है, तो यह बहुत अच्छी बात है।इससे सेहत पर कम असर होता है। 51-100 एक्यूआई भी ठीक है,लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है। 101 के बाद ठीक नहीं है। 200 एक्यूआई से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है। 201-300 एक्यूआई काफी खराब है। 301-400 एक्यूआई बहुत खराब है।लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है। 401-500 एक्यूआई सबसे अधिक खतरनाक है।इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है।
जानें क्यों बढ़ा एक्यूआई
बरेली शहर में सीवर, टूटी सड़क, और ओवरब्रिज निर्माण के लिए खुदाई चल रही है।जिससे सुबह से रात तक शहर की सड़कों से धूल उड़ती रहती है।शहर में धूल और धुएं के मिश्रण से सांस लेना मुश्किल हो गया है।इसलिए शहर का एक्यूआई बढ़ रहा है।