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श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ में शामिल हुए क्षेत्रीय विधायक

बेगमगंज। कथा के तृतीय दिवस की शुरूआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। कथा में भारी संख्या में भक्त पधारे। ग्राम सोठिया में यादव परिवार द्वारा आयोजित तीसरे दिन की कथा पंडाल में क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ठाकुर रामपाल सिंह राजपूत नगर पालिका अध्यक्ष संदीप लोधी जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर  ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। इससे पूर्व वे ग्राम कोकलपुर और ढिमरोली में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ में भी शामिल हुए उनके साथ ग्रामीण मंडल अध्यक्ष जगदीश लोधी, नगर मंडल अध्यक्ष कमल साहू, सरपंच संघ अध्यक्ष भगवान सिंह सोलंकी, सुरेश ताम्रकार, आदर्श शर्मा सहित अनेकों कार्यकर्ता साथ थे जिन्होंने कथा श्रवण की और तीनों ही स्थानों पर कथावाचक महाराज से क्षेत्र की उन्नति खुशहाली की कामना के साथ आशीर्वाद प्राप्त किया।

ग्राम सोंठिया में आयोजित कथा में धर्माधिकारी पंडित राजेंद्र प्रसाद शास्त्री महाराज  ने कथा की शुरूआत करते हुए कहा कि जो लोग जीवन में सफल होते हैं उनकी सफलता के पीछे अगर बहुत बड़ा किसी का हाथ है तो वो है आपके सलाहकार का, आपके गुरू का। जीवन में सभी सफलता पाने चाहते हैं लेकिन बहुत सोच समझकर आपको किसी की सलाह माननी चाहिए क्योंकि आजकल जिस की खूद की नाव डूब गई है वो भी सलाह देते हैं। गुरू अगर जीवन में गलत सलाह देते तो धर्म चला जाता है, वैद्य गलत सलाह दे तो जीवन चला जाता है, आपके सलाहकार जैसे होंगे आपका जीवन उसी दिशा में चल पड़ेगा।

महाराज ने कथा का वृतांत सुनाते हुए कल का कथा क्रम याद कराया की राजा परिक्षित को श्राप लगा कि सातवें दिन तुम्हारी मृत्यु सर्प के डसने से हो जाएंगी। जिस व्यक्ति को यहाँ पता चल जाए की उसकी मृत्यु सातवें दिन हो वो क्या करेगा क्या सोचेगा । राजा परीक्षित ने यह जान कर उसी क्षण अपना महल छोड़ दिया। राजा परीक्षित ने अपना सर्वस्व त्याग कर अपनी मुक्ति का मार्ग खोजने निकल पड़े गंगा के तट पर। तभी वहां भगवान शुकदेव जी महाराज पधारे, जब राजा परीक्षित भगवान शुकदेव जी महाराज के सामने पहुंचे तो उनको राजा ने शाष्टांग प्रणाम किया। राजा परीक्षित जी ने प्रश्न किया कि हे गुरुदेव जो व्यक्ति सातवें दिन मरने वाला हो उस व्यक्ति को क्या करना चाहिए। किसका स्मरण करना चाहिए और किसका परित्याग करना चाहिए। शुकदेव जी ने मुस्कुराते हुए परीक्षित से कहा की हे राजन ये प्रश्न केवल आपके कल्याण का ही नहीं अपितु संसार के कल्याण का प्रश्न है। तो राजन जिस व्यक्ति की मृत्यु सातवें दिन है उसको श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए तो उसका कल्याण निश्चित है। श्रीमद भागवत में 18000 श्लोक, 12 स्कन्द और 335 अध्याय है जो जीव सात दिन में सम्पूर्ण भागवत का श्रवण करेगा वो अवश्य ही मनोवांछित फल की प्राप्ति करता है। 


श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ में शामिल हुए विधायक



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