मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग कालेजों के लिए पहली बार लागू होने जा रही व्यवस्था।
भोपाल। मध्यप्रदेश में सामान्य कालेजों की तरह अब सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में भी अतिथि विद्वान पढ़ाई करवाएंगे। प्रदेश में पहली बार यह व्यवस्था होगी, जिसमें इंजीनियरिंग और पालिटेक्निक कालेजों में आउटसोर्स फेकल्टी रखी जाएगी।
योग्य व्यक्तियों की प्रावीण्य सूची निकाली जाएगी
इसी सत्र से इसे लागू भी किया जा रहा है और साढ़े चार हजार से अधिक अतिथि विद्वानों की अस्थायी पदस्थापना के लिए आवेदन बुलाए गए हैं। 27 जनवरी को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। विभाग के पोर्टल पर मिलने वाले आवेदनों में से योग्य व्यक्तियों की प्रावीण्य सूची निकाली जाएगी। इनमें से चुनकर संबंधित कालेजों में अतिथि विद्वानों को पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
30 हजार रुपये मिलेगा वेतन, बीई, एमई या एमटेक होना अनिवार्य
प्रदेश में पांच शासकीय इंजीनियरिंग कालेज एवं 67 पालिटेक्निक कालेज हैं। इन कालेजों में संचालित सभी ब्रांच के विषय विशेषज्ञ अतिथि विद्धानों को रखा जाएगा पालिटेक्निक कालेज के लिए बीई और इंजीनियरिंग कालेज में अतिथि विद्वान बनने के लिए एमई या एमटेक की शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य की गई है।
इनका कहना है
प्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग एवं पालिटेक्निक कालेजों में अतिथि विद्वानों को रखा जाना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही कालेजों में इनकी पदस्थापना कर ली जाएगी।
मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, मध्यप्रदेश

