Type Here to Get Search Results !

श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया

बेगमगंज। नगर के कंजी कुआं स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर गढ़ोईपुर में शेर सिंह जाट एवं जाट परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के चौथे दिवस मंगलवार को श्री कृष्ण जन्म नंदोत्सव मनाया गया। नंदोत्सव के दौरान पूरा पाण्डाल खुशी से झूम उठा। नंदोत्सव में श्रद्वालुओं ने श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी मनाई गई।

श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव

कथावाचक आचार्य जितेंद्र चौबे जटाशंकर धाम ने कहा कि गौ ही जीवन का आधार है। शिव त्याग एवं वैराग्य के प्रतीक हैं। इन आचरणों से संतोष प्राप्त होता है। इच्छा ही दुखों का कारण है। देश में बढ़ रही अशांति, अधार्मिकता तथा असंतोष का निदान केवल धार्मिक ग्रंथों के बताए मार्ग पर चलने से संभव है। धर्म हमें मर्यादा में रहने की प्रेरणा देता है। कथा के दौरान ज्यों ही माता देवकी के पुत्र रत्न की प्राप्ति की घोषणा हुई, त्यों ही पांडाल में आतिशबाजी के साथ पुष्पवर्षा होने लगी। आकाशवाणी के आधार पर वसुदेव कन्हैया को पालकी में लेकर गोकुल जाने के लिए पांडाल की ओर बढ़े। जीवंत झांकी के दौरान नन्हें-मुन्हें बच्चों ने भी आकर्षक वस्त्र सज्जा के साथ गोकुल का माहौल तैयार किया। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्वालु धार्मिक भजनों पर बीच-बीच में नृत्य करते नजर आए। 

श्री चौबे ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। यहां पर जैसे ही श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग कथा में आया तो श्रद्धालु हरे राधा-कृष्ण के उदघोष के साथ नृत्य करने लगे। वासुदेव बने कलाकर तथा यशोदा बनी और नंद के स्वरूप ने कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग को भाव विभोर कर दिया।

चौथे दिवस की कथा के समापन पर आरती उतार कर प्रसाद वितरण  किया गया। दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाली कथा में रोजाना बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने के लिए पहुंच रहे है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.