जेल कर्मियों की जीपीएफ राशि निजी खातों में शिफ्ट करके निकालने का मामला
भोपाल। केंद्रीय जेल उज्जैन से रिटायर हो चुके या रिटायर होने वाले प्रहरियों के लिए राहतभरी खबर है। शासन ने कर्मचारियों के पेंशन एवं अन्य स्वत्वों के भुगतान के लिए साढेÞ पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर करके कोषालय को भुगतान के आदेश जारी कर दिए हैं।
ज्ञात हो कि केंद्रीय जेल उज्जैन की पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे के साथ मिलकर आहरण-वितरण का काम संभालने वाले प्रहरियों ने फर्जीवाड़ा किया था। इसमें जेल कर्मियों के जीपीएफ खाते का करीब 13 करोड़ रुपए निजी खातों में शिफ्ट करके बंदरबांट की गई। इसके लिए तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राजे की लॉगिन और पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया। इसका पता चलने पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जांच करवाई। वहीं तत्कालीन जेल महानिदेशक अरविंद कुमार ने विभागीय जांच टीम बनाकर पड़ताल करवाई, जिसमें उषा राजे के साथ ही आधा दर्जन लोगों की संलिप्तता सामने आई। इसके बाद उषा राजे को सस्पेंड कर दिया गया। बाद में पुलिस ने उषा राजे और उसकी बेटी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, साथ ही फरारा प्रहरियों को भी पकड़ा गया।
नहीं मिल रही थी पेंशन
पेंशन खाते से पैसे निकल जाने से जनवरी 2023 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन अटक गई थी। इस पर जांच के बाद कर्मचारियों के पेंशन भुगतान के लिए जेल महकमे ने बुधवार को आदेश जारी करके 5 करोड़ 66 लाख 33 हजार 359 रुपए मंजूर करके उज्जैन कोषालय को निर्देशित किया गया हैकि वरिष्ठता और पात्रता के अनुसार पेंशन का भुगतान किया जाए।