उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत 17 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में, देश की विभिन्न भारतीय भाषाओं को सिखाने के लिए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स अथवा क्रेडिट के साथ सामान्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित करके, प्रारंभ किए जाने को लेकर व्यापक कार्ययोजना के साथ क्रियान्वयन करें। श्री परमार ने कहा कि समस्त विश्वविद्यालयों को भारतीय भाषाओं को सिखाने के लिए, भाषाएं आबंटित की गई हैं। प्रत्येक विश्वविद्यालय आवंटित भाषाओं को सिखाने के लिए कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन करेंगे। इससे प्रदेश के विश्वविद्यालयों से, पूरे देश में भाषाई सौहार्दता का संदेश जाएगा। भाषाएं जोड़ने का काम करती हैं, तोड़ने का नहीं; यह व्यापक संदेश प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों से देश भर में गुंजायमान होगा।
मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रदेश की उच्च शिक्षा को लेकर धारणाओं मे परिवर्तन आना चाहिए, इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए निरंतर क्रियाशील रहना होगा। श्री परमार ने समस्त विश्वविद्यालयों से रिक्त पदों की अद्यतन जानकारी प्राप्त की और विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक पदों में भर्ती की प्रक्रिया, रोस्टर के पालन के साथ नियमानुरूप शीघ्र करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय को इकाई मानकर, रोस्टर का निर्धारण कर पदपूर्ति की प्रकिया पूर्ण करें और पदपूर्ति के लिए सभी विश्वविद्यालय शीघ्र विज्ञापन जारी करें। श्री परमार ने नकल पर नकेल कसने के लिए, उत्तर पुस्तिकाओं के डिजिटल मूल्यांकन एवं डिजिटल सिक्योरिटी पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री परमार ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय परीक्षा एवं मूल्यांकन की पारदर्शिता के लिए डिजिटल मूल्यांकन को बढ़ावा दें और मेधावी विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को अपने पोर्टल पर सार्वजनिक उपलब्ध कराए ताकि इससे अन्य विद्यार्थी प्रोत्साहित हों। श्री परमार ने विश्वविद्यालय परिसर को विद्यार्थी केन्द्रित एवं आकर्षक बनाने को भी कहा। विद्यार्थियों की अंकसूची एवं डिग्री की उपलब्धता, डिजिलॉकर में सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
