मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रामीणों को स्वदेशी संकल्प की शपथ दिलाई और अपील की कि सभी अपने जीवन में अधिकतम भारतीय उत्पादों का उपयोग करें और आयातित वस्तुओं की जगह देशी विकल्प अपनाएं। साथ ही पर्यावरण के प्रति सजग रहकर स्वदेशी और प्रकृति-अनूकूल उत्पादों का ही प्रयोग करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को नवरात्रि पर्व, दशहरा और दीपावली त्यौहारों की अग्रिम मंगलकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में सिर्फ स्वदेशी और भारत में निर्मित वस्तुएं ही खरीदें। इससे हर घर में त्यौहार मनेगा। मुख्यमंत्री ने 'हर घर स्वदेशी और घर-घर स्वदेशी' का नारा उद्घोष करते हुए कहा कि सभी को स्वदेशी अपनाने के लिए संकल्पित कराया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुएं खरीदने से ही हमारे सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसी से हमारे कुशल कारीगर, शिल्पकार और कुम्भकारों के घरों में भी दीपावली मनेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों को भावांतर योजना की जानकारी देते हुए कहा कि वे 5 से 25 अक्टूबर तक पंजीयन करा लें। फिर 1 नवम्बर से 31 जनवरी 2026 के दौरान बेची गई सोयाबीन की फसल पर ही भावांतर योजना का लाभ मिलेगा। यदि किसी किसान की सोयाबीन की फसल समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल पर नहीं बिकती, तो जितनी राशि में बिकी है और समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की राशि सरकार किसान को देगी। इस प्रकार किसानों को सोयाबीन की फसल बेचने पर समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल की राशि ही मिलेगी।