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उत्तर प्रदेश की मुस्लिम सियासत में नई जान: छह मुस्लिम प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीते

लखनऊ। 

वर्ष 2014 में एक भी मुस्लिम के सांसद न बनने से मायूस मुस्लिम सियासत को इस लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से ठौर मिल गया है। चुनाव में यूपी से विपक्षी दलों के भले ही सिर्फ 16 प्रत्याशी जीते हों, लेकिन इनमें भी 6 मुस्लिमों को जीत मिलने से अब सूबे की मुस्लिम सियासत की गर्माहट संसद में महसूस की जा सकेगी। जीतने वालों में 3 सांसद सपा से तो तीन बसपा से हैं। जीते हुए मुस्लिम प्रत्याशियों में पांच वेस्ट यूपी और एक पूर्वांचल से हैं। पश्चिमी यूपी के पांच सांसदों में चार अकेले मुरादाबाद मंडल से हैं।


सबसे ज्यादा सांसद 1980 में चुने गए थे
उत्तर प्रदेश में लगभग 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। आजादी के बाद से ही मुस्लिम सांसद चुने जाते रहे हैं। सबसे ज्यादा 18 मुस्लिम सांसद 1980 और सबसे कम 3 सांसद 1991 में चुने गए थे। 2014 में वोटों के ध्रुवीकरण और विपक्ष के बिखराव से उनका प्रतिनिधित्व शून्य रह गया था। 16वीं लोकसभा में यह पहला मौका था, जब किसी भी दल से कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं चुना जा सका था। इस बार सपा बसपा गठबंधन के कारण नजारा बदल गया है। गठबंधन में सपा ने 4 और बसपा ने 6 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। इन 10 उम्मीदवारों में 6 ने जीत हासिल की है। दोनों दलों से तीन-तीन मुस्लिम सांसद चुने गए हैं।


गठबंधन के बाद भी ये हार गए चुनाव
सपा की तबस्सुम हसन कैराना से चुनाव हार गई हैं। ये वही तबस्सुम हैं जो 2018 में हुए कैराना उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर 16वीं लोकसभा में यूपी की पहली मुस्लिम सांसद बनीं थी। बसपा से हारने वाले तीन उम्मीदवारों में धौरहरा से अरशद इलियास आजमी, डुमरियागंज से आफताब आलम और मेरठ से याकूब कुरैशी शामिल हैं।

इनके कंधों पर होगी मुस्लिम मसाइल निपटाने की जिम्मेदारी

आजम खां: नौ बार के विधायक
आजम खां सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे हैं। वह सभी सदनों के सदस्य बन गए हैं। आजम खां 9 बार के विधायक हैं। वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, कैबिनेट मंत्री, सपा महासचिव समेत कई अहम पदों पर रहे हैं। 

दानिश  : जेडीएस से बसपा में आए
कुंवर दानिश अली जनता दल (एस) के राष्टÑीय महासचिव थे। वह एचडी देवगौड़ा के नजदीकी माने जाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह बसपा में आए और अमरोहा से प्रत्याशी बना दिए गए।

एचटी हसन : मेयर पद का अनुभव
मुरादाबाद से सांसद चुने गए सपा के डॉ. एसटी हसन मुरादाबाद के मेयर रह चुके हैं। वह पहले भी लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। शुरू से ही सपा से जुड़े हुए हैं।

शफीकुर्रहमान : पांचवीं बार सांसद   
सपा के शफीकुर्रहमान बर्क चार बार सांसद और चार बार विधायक रहे हैं। वह प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री भी रह चुके हैं। वह भी बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं और कई चर्चित बयान दे चुके हैं।

अफजाल : पूर्व सांसद व विधायक 
बसपा के अफजाल अंसारी चार बार भाकपा और एक बार सपा से विधायक रह चुके हैं। 2004 में सपा से सांसद। स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आने वाले अफजाल   बाहुबली विधायक मुख्तर अंसारी के भाई हैं।

फजलुर्रहमान : मेयर का चुनाव हारे
सहारनपुर से सांसद चुने गए बसपा के फजलुर्रहमान 2017 में बसपा प्रत्याशी के रूप में सहारनपुर से मेयर का चुनाव लड़े थे। वह मामूली मतों से चुनाव हार गए थे।

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