भोपाल/उमरिया .
भीषण गर्मी जब सालों पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है और आम जन-जीवन बेहाल हो गया है। सारे वीआईपी के एसी दिन-रात चल रहे हैं तब उमरिया कलेक्टर स्वरोचित सोमवंशी ने अपने चेंबर सहित कलेक्टोरेट मीटिंग हॉल तक के एसी निकलवाकर सरकारी अस्पताल में बने एनआरसी (कुपोषित पुनर्वास केंद्र) में लगवा दिए हैं।
इन दिनों उमरिया जिले का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा ही चल रहा है। ऐसे में गर्मी से हर कोई परेशान है और कूलर, एसी से दूर नहीं जाना चाहता। ऐसे में कलेक्टर सोमवंशी के निर्णय से हर कोई हतप्रभ है। सभी तरफ उनके एसी लगवाने के फैसले की चर्चा हो रही है। दरअसल उमरिया जिला कुपोषण के मामले में भी प्रदेश के टाप फाइव जिलों में शामिल है, जिसके मद्देनजर कलेक्टर सोमवंशी ने जिले की कमान संभालते ही लगातार गांवों के दौरे कर रहे हैं और कुपोषण के खिलाफ अलख जगा रहे हैं। इसी सिलसिले में उमरिया के साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्रों में बने एनआरसी का भी निरीक्षण किया, जिसमें वहां लगे एसी गर्मी के आगे नाकाफी साबित हो रहे हैं।
तत्काल निकलवाकर लगवाए एसी
कलेक्टर सोमवंशी ने अपने चेंबर का एसी निकलवाकर जिला अस्पताल उमरिया के 40 बच्चों के एनआरसी में लगवा दिया। हालांकि यहां पर पहले से तीन एसी लगे थे, लेकिन इसमें से एक खराब था। इसी तरह कलेक्टोरेट के मीटिंग हाल के तीन एसी निकलवाकर उप स्वास्थ्य केंद्र मानपुर, चंदिया और पाली में लगवा दिए, जहां पर दस-दस कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी बना है। इन सेंटर में पहले से एसी नहीं लगे होने से बच्चो के साथ ही अस्पताल स्टाफ भी बीमार जैसा हो गया था।
अपने वाहन से भी एसी निकलवा दिया
कलेक्टर सोमवंशी ने अपने सरकारी वाहन का एसी भी निकलवा दिया है, क्योंकि कलेक्टोरेट में एसी नहीं होने से अब कभी ठंड तो कभी गर्मी की समस्या हो रही थी। इसी वाहन से सोमवंशी गांव-गांव घूमते हुए सरकारी योजनाओं की मानीटरिंग के साथ ही कुपोषित बच्चों को एनआरसी तक पहुंचाते हैं।
---------------------------
बच्चों की हालत में सुधार
उमरिया में एक एसी खराब था और बाकी उपस्वास्थ्य केंद्रों में तो एसी थे ही नहीं, लेकिन अब एसी लगने से बच्चों की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।
डॉ राजेश श्रीवास्तव, सीएमएचओ, उमरिया
भीषण गर्मी जब सालों पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है और आम जन-जीवन बेहाल हो गया है। सारे वीआईपी के एसी दिन-रात चल रहे हैं तब उमरिया कलेक्टर स्वरोचित सोमवंशी ने अपने चेंबर सहित कलेक्टोरेट मीटिंग हॉल तक के एसी निकलवाकर सरकारी अस्पताल में बने एनआरसी (कुपोषित पुनर्वास केंद्र) में लगवा दिए हैं।
इन दिनों उमरिया जिले का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा ही चल रहा है। ऐसे में गर्मी से हर कोई परेशान है और कूलर, एसी से दूर नहीं जाना चाहता। ऐसे में कलेक्टर सोमवंशी के निर्णय से हर कोई हतप्रभ है। सभी तरफ उनके एसी लगवाने के फैसले की चर्चा हो रही है। दरअसल उमरिया जिला कुपोषण के मामले में भी प्रदेश के टाप फाइव जिलों में शामिल है, जिसके मद्देनजर कलेक्टर सोमवंशी ने जिले की कमान संभालते ही लगातार गांवों के दौरे कर रहे हैं और कुपोषण के खिलाफ अलख जगा रहे हैं। इसी सिलसिले में उमरिया के साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्रों में बने एनआरसी का भी निरीक्षण किया, जिसमें वहां लगे एसी गर्मी के आगे नाकाफी साबित हो रहे हैं।
तत्काल निकलवाकर लगवाए एसी
कलेक्टर सोमवंशी ने अपने चेंबर का एसी निकलवाकर जिला अस्पताल उमरिया के 40 बच्चों के एनआरसी में लगवा दिया। हालांकि यहां पर पहले से तीन एसी लगे थे, लेकिन इसमें से एक खराब था। इसी तरह कलेक्टोरेट के मीटिंग हाल के तीन एसी निकलवाकर उप स्वास्थ्य केंद्र मानपुर, चंदिया और पाली में लगवा दिए, जहां पर दस-दस कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी बना है। इन सेंटर में पहले से एसी नहीं लगे होने से बच्चो के साथ ही अस्पताल स्टाफ भी बीमार जैसा हो गया था।
अपने वाहन से भी एसी निकलवा दिया
कलेक्टर सोमवंशी ने अपने सरकारी वाहन का एसी भी निकलवा दिया है, क्योंकि कलेक्टोरेट में एसी नहीं होने से अब कभी ठंड तो कभी गर्मी की समस्या हो रही थी। इसी वाहन से सोमवंशी गांव-गांव घूमते हुए सरकारी योजनाओं की मानीटरिंग के साथ ही कुपोषित बच्चों को एनआरसी तक पहुंचाते हैं।
---------------------------
बच्चों की हालत में सुधार
उमरिया में एक एसी खराब था और बाकी उपस्वास्थ्य केंद्रों में तो एसी थे ही नहीं, लेकिन अब एसी लगने से बच्चों की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।
डॉ राजेश श्रीवास्तव, सीएमएचओ, उमरिया

