बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के.सिवन ने मंगलवार को बताया कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश बंद नहीं हुई है। चांद पर अभी रात है। जैसे ही वहां सुबह होगी, हम लैंडर से एक बार फिर संपर्क करने की कोशिश करेंगे। 7 सितंबर को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। उस दौरान सतह से केवल 2.1 किमी दूरी पर लैंडर और इसरो का संपर्क टूट गया था।
सिवन के अनुसार, इसरो अभी भी विक्रम लैंडर से संपर्क बनाने में जुटा हुआ है। 20-21 सितंबर को चंद्रमा पर रात होते ही उससे संपर्क साधने की कोशिश बंद कर दी गई थी। इसरो ने अभियान शुरू करने से पहले कहा था कि चंद्रयान-2 एक काफी जटिल मिशन है। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अनुसंधान के लिए एक साथ लाया गया है।
संपर्क करना कठिन मगर ऑर्बिटर सही काम कर रहा है: अधिकारी
इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, ऑर्बिटर द्वारा ली गई तस्वीर में विक्रम लैंडर का कम्युनिकेशन एंटीना नजर आ रहा है। उसे देखकर दोबारा संपर्क करना कठिन लग रहा है। हालांकि ऑर्बिटर को लेकर जाने वाले रॉकेट की परफॉर्मेंस की वजह से इसमें मौजूद अतिरिक्त फ्यूल सुरक्षित है। ऐसे में ऑर्बिटर अगले 7 साल तक काम करता रहेगा।
