इंदौर/भोपाल । नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) ने पांच माह में मप्र के 44 कॉलेजों का रिजल्ट घोषित किया है। इनमें एक शासकीय ऑटोनोमस कॉलेज को ए-ग्रेड और एक निजी कॉलेज को ए-प्लस ग्रेड मिली है। अन्य कॉलेजों को सी, बी और बी प्लेस ग्रेड ही मिली है। सी ग्रेड वाले कॉलेजों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश के 42 सरकारी कॉलेजों में से 26 को सी और 11 को बी ग्रेड मिली है। सी ग्रेड वाले कॉलेज में एक निजी भी शामिल है।
नैक द्वारा किए गए असेसमेंट के बाद प्रदेश के छात्र-छात्राओं को दी जा रही उच्च शिक्षा के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है। जानकार कहते हैं कि इस स्थिति से बाहर निकलना काफी मुश्किल है, क्योंकि जिन संस्थानों में लीडरशिप नहीं हो, वहां पर परिवर्तन लाना मुश्किल है। हालात यह हैं कि जब कोई एक अधिकारी समस्याओं से परिचित होता है और हल निकालने की कोशिश करता है तब तक उसका तबादला कर दिया जाता है।
केंद्र सरकार की मदद से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संसाधनों की कमी दूर कर छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान (रूसा) चल रहा है। सी ग्रेड प्राप्त करने वाले कॉलेजों को रूसा से ग्रांट नहीं मिलती है। ऐसे में इनमें स्थिति सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है। नैक द्वारा असेसमेंट करते समय कॉलेजों का इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं बल्कि छात्र सुविधाएं और प्रशासनिक गतिविधियों का भी मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन काॅलेज में इनमें फेल होते दिख रहे हैं।