भोपाल। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 22 से 25 सितंबर 2021 तक तुरतुक फेस्टिवल आयोजित किया गया था। तुरतुक गाँव के भारत में विलय की स्वर्ण जयन्ती के रूप में फेस्टिवल आयोजित किया। इसमें प्रदेश के युवा शिल्पकार मोहम्मद बिलाल खत्री ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
वर्ष 1947 की जंग के बाद तुरतुक ग्राम पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया था। लेकिन 1971 की लड़ाई में भारत द्वारा इसे फिर से हासिल कर लिया गया है। तुरतुक पर फ़तह कर भारत का तिरंगा फहरा दिया गया। 50 साल पूर्ण होने पर भारत सरकार द्वारा "आजादी का अमृत महोत्सव" के अंतर्गत तुरतुक फेस्टिवल आयोजित किया गया। तुरतुक के भारत में विलय के 50 साल में यह पहला फेस्टिवल आयोजित किया गया है।
प्रदेश के युवा शिल्पकार मोहम्मद बिलाल खत्री बाग प्रिंट के पहले मास्टर शिल्पकार हैं, जिन्हें भारत के आखिरी गाँव तुरतुक में अपनी बाग प्रिंट हस्तशिल्प कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। तुरतुक के रहवासी एवं पर्यटकों ने बाग प्रिंट को बहुत पसंद किया है।
आर्मी के बड़े अधिकारियों एवं स्थानीय लागों ने शिल्पकार बिलाल के बाग प्रिंट को बहुत ही बारीकी से समझा और बाग प्रिंट कला की प्रशंसा की। साथ ही अपने हाथों से बाग प्रिंट का ठप्पा लगा कर बिलाल खत्री को प्रोत्साहित किया।
मोहम्मद बिलाल खत्री को दो बार सम्मानित किया गया। पहली बार संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने सम्मानित किया, दूसरी बार तुरतुक के एक्जिक्यूटिव काउन्सलर श्री गुलाम मेहंदी द्वारा तुरतुक शासन-प्रशासन की ओर से सम्मानित किया है।