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वो 20 मिनट जब धोनी ने हारा मैच पलट दिया, 10वें ओवर तक KKR जीत रही थी

मुंबई। जाते-जाते IPL ने फिर से ये कहने का मौका दे दिया कि महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे समझदार क्रिकेटर्स और कप्तान में से एक हैं। फाइनल मैच में जब ये लगने लगा था कि चेन्नई हार की ओर बढ़ चली है। तब धोनी ने 20 मिनट में विकेट के पीछे से सारा खेल बदल दिया। 

आइए आपको IPL के फाइनल के उन 20 मिनटों में लिए चलते हैं, जब धोनी अपनी जीत की कहानी खुद लिखी-

वक्त था कि हर तरफ से धोनी के खिलाफ खड़ा हो गया था। कोलकाता के सबसे शानदार खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर का कैच खुद धोनी से दो-दो बार छूट गया था। गिल आउट हुए गेंद ने स्पाइडर कैम को छू लिया और उसे डेड बॉल दे दिया गया। CSK के खिलाड़ियों में निराशा छाने लगी थी। 10 ओवर बीत चुके थे। किसी भी बॉलर को विकेट नहीं मिल रहे थे। वेंकटेश अय्यर और शुभमन गिल क्रीज पर नजरें गड़ा चुके थे। दोनों आसानी से रन बनाते चले जा रहे थे।

वक्त था कि हर तरफ से धोनी के खिलाफ खड़ा हो गया था। कोलकाता के सबसे शानदार खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर का कैच खुद धोनी से दो-दो बार छूट गया था। गिल आउट हुए गेंद ने स्पाइडर कैम को छू लिया और उसे डेड बॉल दे दिया गया। CSK के खिलाड़ियों में निराशा छाने लगी थी। 10 ओवर बीत चुके थे। किसी भी बॉलर को विकेट नहीं मिल रहे थे। वेंकटेश अय्यर और शुभमन गिल क्रीज पर नजरें गड़ा चुके थे। दोनों आसानी से रन बनाते चले जा रहे थे।

लगभग इसी तरह के हालात में एक मैच पहले ऋषभ पंत को भरपूर निराश होते हुए देखा गया था। लेकिन ये ऋषभ नहीं धोनी थे जो आखिरी गेंद तक कमाल की उम्मीद रखते हैं। फिर अभी तो 10 ही ओवर निकले थे। उन्होंने अपना तुरुप का इक्का निकाला, शार्दुल ठाकुर। वो शार्दुल के पास गए और उनसे थोड़ी बात की। फिर रवींद्र जडेजा को एक खास जगह पर फील्डिंग के लिए लगाया।

लगभग इसी तरह के हालात में एक मैच पहले ऋषभ पंत को भरपूर निराश होते हुए देखा गया था। लेकिन ये ऋषभ नहीं धोनी थे जो आखिरी गेंद तक कमाल की उम्मीद रखते हैं। फिर अभी तो 10 ही ओवर निकले थे। उन्होंने अपना तुरुप का इक्का निकाला, शार्दुल ठाकुर। वो शार्दुल के पास गए और उनसे थोड़ी बात की। फिर रवींद्र जडेजा को एक खास जगह पर फील्डिंग के लिए लगाया।


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