भोपाल। स्वतंत्रता संग्राम में प्रदेश के जनजातीय नायकों का भी योगदान कम नही है। कई जनजातीय नायकों ने अंग्रेजों के दमन का मुकाबला डटकर करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया है। किन्तु अभी तक इनकी गाथाओं को उचित स्थान नहीं मिला था। ये केवल लोकोक्तियों और जनजातीय समाज के परंपरागत गीतों, संदेशों में ही दर्ज थे। अब प्रदेश सरकार ने जनजातीय बंधुओं की शहादत को भी आमजनों तक पहुँचाने का काबिल-ए-तारिफ प्रयास शुरू किया है। इसकी जनजातीय समाज पुरजोर सराहना करता है।
पशुपालन एवं सामाजिक कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने यह बात बड़वानी में क्रांति सूर्य जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा का स्वागत करते हुए कही। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि यह जनजातीय शहीदों को सम्मान देने की ऐतिहासिक यात्रा है।
शहीद भीमा नायक महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जनजातीय लोगों का उत्साह देखने लायक था। लोकगीत गायक श्री आनंदी लाल भावेल के गीतों पर अतिथि, जन-प्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों ने जमकर नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया। बारिश के बावजूद भी लोगों का उत्साह बढ़ता ही गया। निवाली में आज बुधवार को निवाली से प्रारंभ हुई क्रांति सूर्य गौरव यात्रा रिमझिम बारिश के बीच आगे बढ़ी। सम्पूर्ण यात्रा मार्ग में ग्रामवासियों ने सड़क के दोनों किनारे खड़े होकर पुष्प-वर्षा के साथ कलश का स्वागत किया और महिलाओं ने कलश-यात्रा निकाली।
क्रांति सूर्य जननायक टंटया भील गौरव यात्रा के साथ चल रहे टंटया मामा के वंशजों ने बड़वानी जिले के शहीदों के स्मारकों पर पहुँचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। वंशजों ने बड़वानी जिले में यात्रा के पहले दिन ग्राम चाटली में वीर जवान शहीद राबर्ट मार्टिन, दूसरे दिन ग्राम धाबाबावड़ी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भीमा नायक के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जिले से विदाई के दौरान टंटया मामा के परिजनों को स्मृति परिधान भेंट किये गये।