2 साल में बनकर तैयार होना था, चार साल बाद भी है अधूरा
भोपाल। टीकमगढ़ को सागर से जोड़ने वाला धसान नदी पर बड़ागांव के पास बन रहा पुल गिर गया है। चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि बरसात में निर्माण कार्य बंद होने का नियम होने के बाद भी इसका निर्माण कराया जा रहा था। वैसे इस पुल का निर्माण 2020 में ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन दो साल भी निर्माण पूरा नहीं हो सका है।
पीडब्ल्यूडी के ब्रिज सेक्शन द्वारा धसान नदी पर 450 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है। इस पुल के बनने से हर साल बरसात में टीकमगढ़ और सागर का सड़क मार्ग बंद होने की समस्या से निजात मिल सकेगी। इसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ, लेकिन कोरोना महामारी के कारण काम नहीं हो सका। ऐसे में 9 महीने की समयावधि में से छूट मिली है। अब निर्माण हो रहा है, इसी दौरान पुल पर सोमवार-मंगलवार रात को गर्डर की लांचिंग के दौरान अचानक तीस-तीस मीटर लंबाई के दो गर्डर नीचे आ गिरे। रात का समय होने से कोई जनहानि नही हुई।
निर्माण लागत-11 करोड़ 73 लाख रुपए
पुल की लंबाई-450 मीटर
निर्माण अवधि-2019 से जून 2023 तक
(कोरोना काल के 9 माह की माफी के साथ)
कितना हिस्सा गिरा-30-30 मीटर के दो गर्डर
कितना नुकसान-16 लाख रुपए
निर्माण कंपनी-माधव इंफ्रास्ट्रक्चर, मेहसाणा, गुजरात
जांच टीम मौके पर जाएगी
बरसात में काम नहीं करने का नियम है, फिर भी काम हो रहा था। ऐसे में एसई, मुख्यालय की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई गई है, जिसमें एसई ग्वालियर के साथ ही ईई डिजाइंनिंग को शामिल किया गया है। जांच के नतीजों के आधार ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
संजय खांडे, चीफ इंजीनियर, ब्रिज सेक्शन, पीडब्ल्यूडी
आधा दर्जन पुल-पुलियों की दरकार
टीकमगढ़ जिले में आधा दर्जन पुल-पुलिया ऐसे है जो बारिश में कई इलाकों को टापू बना कर आवागमन रोक देते है। इनमें छतरपुर हाइवे पर धसान नदी का खरीला के पास का पुल, बल्देवगढ़-टीकमगढ़ मार्ग पर पड़ने वाला उर नदी का कर्मासन घाट का पुल, मध्यप्रदेश को उत्तरप्रदेश से जोड़ने वाला कुंडेश्वर के पास जमडार नदी का पुल, निवाड़ी जिले में ओरछा को झांसी से जोड़ने वाला सातार नदी का पुल शामिल हैं।




