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गलियों का शहर है बेगमगंज

बेगमगंज। अलग अलग शहरों की पहचान वहां की किसी न किसी चीज से होती है लेकिन बेगमगंज की पहचान गलियों के नाम से है यहां पर अधिकतर मोहल्लों में सकरी गलिया है। लोगो ने मकान बनाते समय ध्यान नहीं रखा जिसके कारण आज मोहल्लों के अंदर जाने के लिए गलियों का सहारा है। कुछ गलिया तो इतनी सकरी है कि उनमें ऑटो भी अंदर नहीं जा सकता। यदि इमरजेंसी पड़ जाए तो एम्बूलेंस या दमकल अंदर नहीं जा सकती। कई स्थानों ऐसे भी है जहां इतना सकरा रास्ता है कि मैयत को भी सभालकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है।

सकरी गलियों का शहर बेगमगंज

खिरिया नारायणदास टेकरी से लेकर हदाईपुर के छोर तक दो दर्जन से अधिक गलिया ऐसी है जिसमें दमकल या एम्बूलेंस आवागमन नहीं कर सकती है। करीब एक दर्जन गलियां ऐसी है जिनमे आटो भी नहीं जा पाता। इसी तरह कटरा मोहल्ला में आधा दर्जन गलियों में मात्र एक रास्ता ऐसा है जिसमें से दमकल अंदर जा सकती है। वहीं फकीरा मोहल्ले में कोई भी गली ऐसी नहीं है जिसमे से दमकल अंदर जा सके। हां यह जरूर है कि आटो जरूर जा सकते है या छोटी एम्बूलेंस अदर जा सकती है। बढ़ापुरा गाधी बाजार में सात गलिया ऐसी है जिनमें से दमकल अंदर प्रवेश नहीं कर सकती मात्र कबीट चौराहे से पक्का फाटक या गांधी बाजार रोड ही ऐसा है जहा दमकल आ जा सकती है।

इसके अलावा बजरिया मार्ग से माला फाटक तक और महादेवपुरा, पीराशाह, किला, मडी, मुकरबा घोषी मोहल्ला में भी इक्का दुक्का गलिया ऐसी है जहां उक्त वाहन आ जा नहीं सकते हैं। यही हाल नई कालोनियों का भी है हनुमान बाग कालोनी में मुश्किल से दमकल प्रवेश कर सकती है तो डी डी कालोनी में एक रास्ते को छोड़कर शेष सकरे है। गभीरिया रामनगर श्यामनगर के मुख्य मार्ग छोडकर शेष गलिया भी सकरी है।

यह होती है दिक्कत:- ऐसे गलियों वाले इलाकों में यदि कोई बीमार पड़ जाता है और इस लायक नहीं होता कि वह चल फिर सके तो उसे अस्पताल लेजाने के लिए एम्बूलेंस नहीं पहुंच पाती कुछ सकरी गलियों से लोग ऐसे मरीजों को हाथों आदि पर लेकर आते हैं फिर वाहन में रखकर अस्पताल ले जाते है।

वहीं दूसरी ओर यदि कोई आगजनी की घटना घटित हो जाए तो भी दमकल उक्त स्थान पर नही पहुंच पाती मजबूरन लम्बी लाइन डालकर आग बुझाने का प्रयास किया जाता है जिसमें समय अधिक लगता है। कुछ गलिया ऐसी है जहां आटो भी नहीं जा सकता वहा के रहवासियों का भारी परेशानियों का सामना मरीजों आदि के लिए करना पड़ता हैं मेहमान आने पर भी उन्हें मुख्य मार्ग से आटो छोड़कर पैदल घर तक पहुंचना पडता है। 

मांग- नगर के प्रबुद्ध नागरिकों  चादमियां एड. कन्हैयालाल साहू, औसाफ सिद्दीकी, विद्यानंद शर्मा, सैयद आबिद हुसैन, मंशारामपंथी,  मंसूरी समाज संगठन अध्यक्ष राशिद मंसूरी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष मुजाहिद अहमद, आम आदमी पार्टी के बसंत शर्मा, ताहिर सौदागर, महेन्द्र लोधी, सुरेश गौर, शाद अली दाना, फरहान लाला, मो. कैफ, वरुण पंथी, विष्णु साहू,मुकेश पंथी, सहित अनेको लोगो ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से माग की है कि मकानों की अनुमति देते समय ऐसी गलियों में मार्ग की निर्धारित चौड़ाई का ध्यान रखकर ही अनुमति प्रदान की जाए ताकि आने वाले समय में गलियां चौड़ी हो सके।

इस संबंध में सीएमओ धीरज शर्मा का कहना है कि मकान निर्माण की अनुमति देते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा मोहल्ले वासी भी ध्यान रखे कि जब कोई मकान बनाये और पीछे करके नही बनाए तो तत्काल सूचना दें। 


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