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ओबान सुरक्षित, वन्य कर्मियों ने रेस्क्यू में बड़ौदा से पकड़ा, आशा भी सुरक्षित जंगल में लौटी

श्योपुर। छह रोज पहले कूनो के जंगल से निकलकर ओबान (मेल चीता ) आबादी क्षेत्र झाड़ बड़ौदा आबादी के गांव तक पहुंच गया था। वन्य कर्मियों ने उसे बड़ौदा तहसील क्षेत्र से साउथ अफ्रीका से आए रेस्क्यू दल ने  उसे सुरक्षित पकड़ लिया और कूनो के जंगल में लाकर छोड़ दिया। आशा भी वापस लौट आई है। कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्र 748 वर्गकिलोमीटर तक फैला हुआ है। सीसीएफ उत्तम शर्मा का कहना है कि हमारे वन्यजीव सुरक्षित हैं। वन्य  कर्मियों ने राहत की सांस ली है। 

छह रोज पहले शनिवार को ओबान अपनी हद पार करके पहले झाड़ बड़ौदा तक पहुंचा और अब पोहरी के बड़ौदा क्षेत्र में  जंगल भी उसने नाप लिया। फॉरेस्ट आॅफीसर कॉलर आईडी से उसे वॉच कर रहे थे। गुरुवार-शुक्रवार की रात्रि में वह बड़ौदा राजस्व ग्राम से सटे जंगल में घूम रहा था । बुधवार को उसने जौराई के जंगल में काले हिरण का शिकार भी किया था। शिकार के आसानी से मिलने के कारण ओबान स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहा था। साउथ अफ्रीका की रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को अभियान चलाकर डाबरपुरा-रामपुरा से पकड़ा है। इसे पकड़ने के लिए रेस्क्यू के सभी तरीके दल ने अपनाए और सुरक्षित पकड़कर कूनो के जंगल में वापस छोड़ दिया।

जौराई के जंगल में किया था शिकार

ओबान ने बुधवार के रोज जौराई के जंगल से काला हिरण का शिकार किया था।  बुधवार की रात में वह आनंदपुर गांव होता हुआ गुरुवार की सुबह डाबरपुरा गांव तक पहुुंच गया था। गुरुवार की सुबह ओबान खेतों में सुरक्षित बैठा हुआ दिखा। इसी जगह से उसे पकड़ने में रेस्क्यू टीम को सफलता मिली। 

ओबान (मेल चीता ) सर्चिंग के दौरान रेस्क्यू टीम को दिखा तो उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया गया है। आशा पहले ही कूनो के जंगल में पहुंच गई थी।  हमारी नजर इस बात पर टिकी है कि वह कहां तक सुरक्षित क्षेत्र में है।

       उत्तम शर्मा, सीसीएफ श्योपुर-शिवपुरी

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