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वेतन सुधार, पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के खिलाफ संसद मार्च 21 जुलाई को

बीएसएनएलईयू ने प्रबंधन के खिलाफ शुरू की आंदोलन की तैयारी

भोपाल। सार्वजनिक संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ तथा वेतन सुधार के साथ ही पुरानी पेंशन बहाली सहित 15 सूत्री मांगों के लिए केंद्रीय कर्मचारियों का 21 जुलाई को संसद मार्च होगा। उससे पहले 14 जून को राज्यपाल भवन तक मार्च होगा।  वहीं देशभर में 1 जून से बीएसएनएल को अपग्रेड करके निजी हाथों में जाने से बचाने के लिए देशभर में धरना प्रदर्शन शुरू हो जाएगा।  

यह जानकारी मीडिया को बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के सचिव महेश रायकवार, ओमशंकर श्रीवास्वत, शमशुल हसन, यूसी पाठक, पवन जैन, आरजी ढोके ने दी। रायकवार ने बताया कि बीते 15 मई को हुई यूनियन की आॅनलाइन बैठक में वेतन संशोधन के कार्यान्वयन नहीं होने, बीएसएनएल की 4 जी और 5 जी सेवा शुरू करने में अत्यधिक देरी के साथ ही नॉन एक्जीक्यूटिव के लिए एक नई पदोन्नति नीति के कार्यान्वयन के बारे में चर्चा की गई। 

यह हैं प्रमुख मांगें

  • केंद्र, राज्य सरकार और पीएसयू के सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस को समाप्त करके सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के तहत और पीएफआरडीए अधिनियम से बाहर लाना।
  • सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और केंद्र सरकार के पेंशनरों के लिए तुरंत 8वें सीपीसी का गठन करें।
  • केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2020 से 18 महीने के लिए स्थगित डीए, डीआर, बीएसएनएल, एमटीएनएल पेंशनरों को आईडीए की 3 किस्तों का बकाया दिया जाए। 
  • 1 जनवरी 2017 से बीएसएनएल/एमटीएनएल में समाहित पेंशनरों की पेंशन को 15% फिटमेंट के साथ संशोधित करें, वेतन संशोधन को अलग करें।
  • 65 वर्ष की आयु से अतिरिक्त पेंशन पाने वाले पेंशनधारियों को फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति माह करके संसदीय स्थायी समिति की सभी सिफारिशों को लागू किया जाए। चिकित्सा बीमा लागू करना। 
  • सभी स्थानों पर सीजीएचएस के कामकाज में सुधार लागू करके 1 जनवरी 2006 से पहले भी सभी सेवानिवृत्त लोगों को उच्च वार्ड पात्रता दी जाए। 
  • 15 साल के बजाय 12 साल बाद कम्यूटेशन बहाल करें।
  • 7वें सीपीसी द्वारा अनुशंसित विकल्प 1 प्रदान करें और प्रत्येक सीपीसी द्वारा सेवारत कर्मचारियों को उच्च वेतनमान भी पेंशनभोगियों को प्रदान करें जो उसी पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
  • 1 जनवरी 2006 से 30 जून के सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कल्पित वेतन वृद्धि प्रदान करना।
  • 1 सितंबर 2008 के बजाय 1 जनवरी 2006 से कार्यान्वयन की एमएसीपी तिथि को सभी असैनिक कर्मचारियों को लाभकारी उन्नयन का विकल्प देकर व्यक्तिगत विकल्प देकर संशोधित करें और रक्षा के समान तदनुसार पेंशन को फिर से निर्धारित करें।
  • एमएसीपी नियमों में संशोधन करके न्यायालय के निर्णयों के आधार पर सभी को प्रतिस्पर्धात्मकता-आधारित परीक्षाओं में छूट देकर एमएसीपी प्रदान करें।
  • एपीएआर में किसी भी बेंच मार्क (बहुत अच्छा आदि) को शामिल न करने के कारण एमएसीपी के बिना सेवानिवृत्त हुए एमटीएस, मेलगार्ड, पोस्टमैन और डाक सहायकों को एमएसीपी का अनुदान।

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