नामांतरण मामले में फैसला के बदले मांगी थी रिश्वत
भोपाल। नामांतरण मामले में मनमाफिक फैसला करवाने के बदले 50 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा है। आरोपी बाबू ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से आधी राशि पहली किश्त में ले रहा था। वहीं इस मामले में प्रभारी तहसीलदार की भूमिका की जांच हो रही है।
इस बारे में एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि रायसेन जिले में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार दिलीप द्विवेदी के बाबू आरएन साहू उर्फ गुड्डा भैया के खिलाफ मंडीदीप निवासी विवेक मालवीय ने शिकायत की थी। शिकायतकर्ता न तो भूमि स्वामी किसान है और न ही वकील है, बल्कि राजस्व केसों का समाधान करवाता है। उसके एक क्लांइट की 20 एकड़ भूमि की नपती और नामांतरण के लिए तहसीलदार रायसेन के बाबू गुड्डा भैया ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में मोल भाव करके 50 हजार रुपए पर काम कराने को तैयार हो गया। यही रिश्वत राशि लेते हुए लोकायुक्त टीम ने प्रभारी तहसीलदार दिलीप द्विवेदी के कक्ष में ही पकड़ा। लोकायुक्त टीम में निरीक्षक रजनी तिवारी,मनोज पटवा,नीलम पटवा,विकास पटेल,प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, मुकेश सिंह, मनमोहन साहू, हेमेंद्र पाल, मनोज मांझी शामिल थे।
तीसरे तहसीलदार घेरे में
ज्ञात हो कि भोपाल जिले में दो तहसीलदारों के बाबुओं को एक साथ एक ही स्थान पर रिश्वत लेते पकड़ा गया था। अब तीसरे प्रभारी तहसीलदार के बाबू को फैसला करवाने के बदले रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। हालांकि तीनों ही मामलों में तहसीलदारों को आरोपी नहीं बनाया गया है।