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अमरकंटक ताप विद्युत गृह,चचाई में 660 मेगावाट इकाई का निर्माण जनरेटिंग कंपनी के पूर्ण स्वामित्व में हो- पी.ई.ई.ए.


भोपाल। पॉवर इंजीनियर्स एवं एम्प्लाइज एसोसिएशन (पी.ई.ई.ए.) ने माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र.शासन को पत्र प्रेषित कर म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में एस. ई.सी.एल. के साथ संयुक्त उपक्रम में 660 मेगावाट की नई इकाई के प्रस्ताव को रद्द कर, नई प्रस्तावित इकाई का निर्माण म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी के पूर्ण स्वामित्व में कराये जाने की मांग की है। संगठन का कहना है,की वर्तमान में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावाट की नई इकाई के निर्माण के लिए एस. ई.सी.एल.के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने हेतु एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हो चुके हैं,जिसका संगठन पूर्णतः विरोध करता है।

संगठन का कहना है कि पूर्व में म.प्र.शासन द्वारा जनरेटिंग कंपनी के स्वामित्व में 660 मेगावाट की इकाई लगाने की बात कही गई थी, परन्तु इसके विपरीत जाकर वर्तमान में 660 मेगावाट की इकाई का निर्माण एस.ई.सी.एल. के साथ ज्वाइंट वेंचर में कराने का प्रस्ताव चल रहा है। संगठन ने माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र में लेख किया है,की नई इकाई के निर्माण में 80 प्रतिशत की राशि ऋण के रूप में जनरेटिंग कंपनी प्राप्त कर सकती है,15 प्रतिशत की राशि मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है तो केवल 5 प्रतिशत के बचे हुए राशि के लिए एस. ई.सी.एल. को हिस्सेदार बनाना कहीं से कही तक उचित नही है। संगठन ने लेख किया है,की 5 प्रतिशत की बची हुई राशि की व्यवस्था कंपनी के आंतरिक स्रोतों से भी की जा सकती है। संगठन ने यह भी लेख किया है,की इस प्रकार के संयुक्त उपक्रम में 660 मेगावाट की इकाई बनाने से विद्युत अधिनियमों का भी सीधा उल्लंघन होगा। संगठन ने लेख किया है कि संयुक्त उपक्रम के गठन से विभिन्न विवादास्पद परिस्थियां निर्मित होंगी,जैसे- राख संधारण,जल संधारण, कोयला,कालोनी,क्वार्टर इत्यादि। संगठन ने यह भी कहा है कि संयुक्त उपक्रम में नई इकाई का निर्माण किये जाने से कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर पूरी तरह प्रभावित होंगे। पॉवर इंजीनियर्स एवं एम्प्लाइज एसोसिएशन(पी.ई.ई.ए.) द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की गई है, कि जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में एस.ई.सी.एल. के साथ बनाये जाने वाले 660 मेगावॉट के संयुक्त उपक्रम के प्रस्ताव को अविलम्ब रद्द किया जाय तथा अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावाट की नई इकाई का निर्माण जनरेटिंग कंपनी के पूर्ण स्वामित्व में कराया जाय।

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