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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर आज भारत के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली में ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की। उन्होंने क्रिसमस के अवसर पर आयोजित समारोह के कार्यक्रम को भी संबोधित किया। स्कूली बच्चों ने गायन प्रस्तुति भी दी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी को, विशेष रूप से  ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए, इस विशेष और पवित्र अवसर पर उनके साथ सम्मिलित होने के लिए उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने क्रिसमस को एक साथ मनाने के भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के प्रस्ताव को स्वीकार करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और इस पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने लंबे समय तक ईसाई समुदाय के साथ अपने घनिष्ठ और बेहद मधुर संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में ईसाई समुदाय और उनके नेताओं के साथ लगातार बैठकें करने का भी स्मरण किया।  प्रधानमंत्री ने कुछ वर्ष पहले होली पोप के साथ अपनी बातचीत को एक बहुत ही यादगार क्षण बताते हुए पृथ्वी को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए सामाजिक सद्भाव, वैश्विक भाईचारे, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा पर प्रकाश डाला।

इस बात को रेखांकित करते हुए की क्रिसमस न केवल यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाने का दिन है, बल्कि उनके जीवन, संदेश और मूल्यों को स्मरण करने का भी दिन है, प्रधानमंत्री ने करुणा और सेवा के मूल्यों को रेखांकित किया, जिनके द्वारा यीशु जी रहे थे। उन्होंने कहा कि यीशु ने एक समावेशी समाज बनाने के लिए काम किया जहां सभी के लिए न्याय हो और यही मूल्य हैं जो भारत की विकास यात्रा में मार्गदर्शक रोशनी की तरह प्रकाश डाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सामाजिक जीवन की विभिन्न धाराओं के बीच मूल्यों की समानता पर प्रकाश डाला, जो हमें एकजुट करते हैं क्योंकि उन्होंने पवित्र बाइबिल का उदाहरण दिया जो दूसरों की सेवा पर बल देती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “सेवा ही परम धर्म है।” पवित्र बाइबल में सत्य को बहुत महत्व दिया गया है और कहा गया है कि केवल सत्य ही हमें मुक्ति का मार्ग दिखाएगा।'' उन्होंने सभी पवित्र उपनिषदों का भी उल्लेख किया जो स्वयं को मुक्त करने के लिए अंतिम सत्य को जानने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साझा मूल्यों और विरासत पर ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ने पर बल जोर दिया। श्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी के आधुनिक भारत के लिए, यह सहयोग, सद्भाव और सबका प्रयास की भावना भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

प्रधानमंत्री ने द होली पोप के क्रिसमस संबोधनों में से एक का उल्लेख किया जहां उन्होंने उन लोगों के लिए आशीर्वाद की प्रार्थना की जो गरीबी उन्मूलन के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि द होली पोप इस धारणा में विश्वास करते हैं कि गरीबी व्यक्तियों की गरिमा को नुकसान पहुँचाती है। उन्होंने कहा कि द होली पोप  की यह धारणा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को प्रतिबिंबित करती है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे और कोई भी अछूता न रहे।" उन्होंने बताया कि ईसाई धर्म के कई लोग, विशेष रूप से गरीब वर्ग, सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ''देश ईसाई समुदाय के योगदान को गर्व के साथ स्वीकार करता है।'' प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में ईसाई समुदाय के योगदान की प्रशंसा की और विभिन्न बौद्धिक विचारकों और नेताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि गांधी जी ने स्वयं कहा था कि असहयोग आंदोलन की कल्पना सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्राचार्य सुशील कुमार रुद्र के संरक्षण में की गयी थी। उन्होंने समाज को दिशा देने में ईसाई समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और गरीबों और वंचितों के प्रति सामाजिक सेवा में सक्रिय भागीदारी का उल्लेख किया। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके योगदान को भी रेखांकित किया।

वर्ष 2047  तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प और संकल्प यात्रा में युवाओं के महत्व को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने युवाओं की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक फिटनेस की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों से फिटनेस, मोटा अनाज, पोषण और मादक पदार्थों के विरुद्ध अभियान को लोकप्रिय बनाने के आंदोलनों के बारे में लोगों को जागरूक करने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री ने क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा का उल्लेख करते हुए आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर ग्रह का उपहार देने पर बल दिया। पीएम मोदी ने “स्थिरता आज के समय की आवश्यकता है”, यह रेखांकित करते हुए कहा कि एक स्थायी जीवन शैली जीना मिशन लाइफ का केंद्रीय संदेश है, जो भारत के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है। उन्होंने दोहराया कि यह अभियान ग्रह समर्थक लोगों को ग्रह समर्थक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण, बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करने, मोटा अनाज अपनाने और न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन वाले उत्पाद खरीदने का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सामाजिक रूप से जागरूक ईसाई समुदाय इस मिशन में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

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