Type Here to Get Search Results !

"वसुधैव कुटुंबकम" को साकार कर रहा है म.प्र. का पर्यटन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के पर्यटन ने अब अंतरराष्ट्रीय मानकों की बराबरी कर ली है। मध्यप्रदेश का पर्यटन "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना को साकार कर रहा है। प्रदेश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मध्यप्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। पिछले साल तक 13.41 करोड़ पर्यटकों ने मध्यप्रदेश आने का आनंद उठाया। अकेले उज्जैन में 7 करोड़ से ज्यादा की संख्या में आध्यात्मिक पर्यटक पहुंचे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का पर्यटन सतत विकास के सभी मानदंडों को पूरा कर रहा है। प्राकृतिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ग्रामीण पर्यटन, वन्य जीव पर्यटन के अलावा नए क्षेत्र जैसे खेल पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, जल क्रीड़ा पर्यटन, कृषि पर्यटन, इतिहास बोध कराने वाला पर्यटन भी लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि से मध्यप्रदेश जैसे राज्यों का पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। भारत की पूरे विश्व में साख बढ़ी है। वैश्विक पर्यटन बढ़ने से मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पर्यटन की गतिविधि को केवल आर्थिक गतिविधि से अलग हटकर सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय पुनर्जागरण का माध्यम बनाया है। "वोकल फॉर लोकल", देखो अपना देश और ट्रिपल टी-टेक्सटाइल टूरिज्म और टेक्नोलॉजी जैसे नई सोच पर्यटन को विकास, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक नवजागरण से जोड़ रहे हैं।

पिछले पांच सालों में मध्यप्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2019 में 8.9 करोड़ पर्यटक यहां आए थे। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड महामारी के चलते पर्यटन की संख्या वैश्विक स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संकट (कोविड) के कारण कम हुई लेकिन मध्यप्रदेश लोगों की पहली पसंद बना। वर्ष 2022 में परिस्थितियों के सामान्य होने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में सुधार हुआ। इसके बाद 2023 में आशा अनुरूप बढ़कर पर्यटकों की संख्या 11.21 करोड़ और वर्ष 2024 में 13 करोड़ 41 हजार तक पहुंच गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब वैश्विक धरोहरों का प्रदेश बन गया है। भारत के 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 18 मध्यप्रदेश में है। इनमें खजुराहो के मंदिर समूह, सांची के बौद्ध स्मारक, भीमबेटका जैसे स्थल विश्व भर में भारतीय सभ्यता की गौरव गाथा को अभिव्यक्त कर रहे हैं। वर्तमान में मध्यप्रदेश के तीन स्थल स्थाई सूची में और 15 स्थल अस्थाई सूची में शामिल है। ग्वालियर किला, मांडू, ओरछा, चंदेरी, भेड़ाघाट, लमेटा घाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अशोक शिलालेख स्थल तथा 64 योगिनी मंदिरों की संख्या जैसी धरोहर इस सूची में शामिल है। स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत अत्यंत समृद्ध है ।

मध्यप्रदेश का पर्यटन आज बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने में सक्षम बन गया है। हाल ही में रीवा और ग्वालियर में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में उत्साहपूर्वक निवेशकों ने भाग लिया और रीवा में 3000 करोड़ से ज्यादा और ग्वालियर में 3500 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.