मजदूर सभा अध्यक्ष के निष्कासन से भड़के सपाई मिलेंगे मुलायम सिंह से
भोपाल
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को जमीनी हकीकत बताने वाले पार्टी के मजदूर सभा अध्यक्ष रामस्वरुप यादव के निष्कासन से भड़के सपाई लखनऊ कूच की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में सपा से चुनाव लड़ने वालों से उगाही और कांग्रेस नेताओं के साथ ही भाजपा मंत्रियों से मधुर संबंधों का कच्चा चिट्ठा भी लेकर जाएंगे।
सूबे की सारी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी का घमासान सतह पर आ गया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी की युवजन सभा के सम्मेलन में शिरकत करने आए सपा सांसद धर्मेंद्र यादव से मजदूर सभा के प्रदेशाध्यक्ष रामस्वरुप यादव सहित करीब दो दर्जन नेताओं ने मुलाकात करके जमीनी हकीकत से वाकिफ कराया था। इसकी भनक लगने के बाद प्रदेशाध्यक्ष गौरीसिंह यादव ने 29 अगस्त को रामस्वरुप यादव को पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद से ही सपा की अंदरुनी लड़ाई सड़क पर आ गई है। सपा लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मार्तंड सिंह यादव ने गुरुवार को बयान जारी करके गौरी यादव के फैसले का कड़ा विरोध किया है। मार्तंड ने कहा है कि रामस्वरुप यादव ने पार्टी का आधार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही है और पूर्व में कई कामयाब रैलियां और सभाएं की हैं। कार्यकर्ताओं का खुला समर्थन रामस्वरुप के साथ है।
यह है शिकायत में
सूत्रों के अनुसार, सपा सुप्रीमो मुलायम सिह यादव को की जाने वाली शिकायत का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। सपा ने प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। इसके लिए विधानसभावार उम्मीदवारों से आवेदन के साथ ही 5 हजार भी जमा करवाए जा रहे हैं। प्रति विधानसभा क्षेत्र से पांच से छह उम्मीदवारों से आवेदन जमा करवाए हैं, लेकिन एक भी उम्मीदवार को सपा की अधिकृत रसीद नहीं दी गई है। सूत्रों का कहना है कि बिना पार्टी आलाकमान को बताए स्थानीय स्त पर छपवाई गई रसीदें दी जा रही हैं। इसके साथ ही पुराने और जमीनी पकड़ रखने वाले पदाधिकारियों को पार्टी से निकाला जा रहा है। ऐसे निकाले गए दो दर्जन नेताओं की सूची और कारण तैयार हैं। गौरतलब होगा कि मुलायम सिंह ने बीते साल साफ निर्देशित किया था कि पार्टी से किसी को कतई निकाला नहीं जाए, सिर्फ जोड़ने का काम किया जाए।
महंगा पड़ा सच्चाई बताना
सितंबर 24, 2012
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