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वृंदा ने दिया था श्रीहरी को श्राप, विष्णु ने दिया था तुलसी को वरदान


नई दिल्ली । शास्त्रोक्त मान्यता है भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण को तुलसी समर्पित करने से वे अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं। मान्यता है कि रोजाना तुलसी को एक लोटा जल चढ़ाने से सभी कष्टों का नाश होता है और जीवन में समृद्धि आती है।
तुलसी विवाह की व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय राक्षस कुल में एक अत्यंत सुदंर कन्या ने जन्म लिया था। इस कन्या का नामकरण कर इसका नाम वृंदा रखा गया। बालिका वृंदा बचपन से भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थी और नियमित रूप से वह श्रीहरी की पूजा करती थी। विवाह योग्य होने पर वृंदा का विवाह जलंधर नाम के असुर से हो गया। अर्द्धांगिनी वृंदा के परम विष्णु भक्त होने के कारण असुर जलंधर को और भी ज्यादा शक्तियां प्राप्त हो गई। असीमित शक्तियां मिलने पर जलंधर इतना शक्तिशाली हो गया कि वह मनुष्य और देवताओं के साथ राक्षसों पर भी अत्याचार करने लगा। उसके बल में वृद्धि होने के वजह से उसको किसी भी तरह से हरा पाना असंभव हो गया था। ऐसे में सभी देवता जलंधर के अत्याचारों से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु की शरण मे गए और मदद की गुहार लगाई।
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