तेंदूखेड़ा। उप वनमण्डल तेंदूखेड़ा के तारादेही वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समनापुर बीट में निरीक्षण के दौरान मुख्य सड़क से लगभग 100 मीटर की दूरी पर बहुतायत संख्या में गिद्धों का एक झुंड दिखा जिस तस्वीर को वन परिक्षेत्र अधिकारी दिनेश कौशल ने अपने कैमरे में कैद कर लिया वन परिक्षेत्र अधिकारी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि आने वाले सत्र 2022 में समस्त वन्यजीवों की गणना की जाएगी जिसमें सियार, हिरण आदि शामिल रहेंगे तो वही गिद्धों की गणना का कार्य दो चरणों में किया जाता है पहला चरण अक्टूबर-नवम्बर माह में तो वही द्वितीय चरण जनवरी-फरवरी माह में आयोजित किया जाता है।
देश की कुल 9 प्रजातियों में से मध्यप्रदेश में पाई जाती है 7 प्रजातियां...
| विलुप्त हो रही प्रजाति का झुंड... |
मध्यप्रदेश में 7 प्रजातियों के गिद्ध मौजूद है जबकि भारत के दूसरे राज्य सरकारों की तुलना में मध्यपदेश का वन विभाग ज्यादा उचित कार्यवाही कर रहा है पृथ्वी के इकोसिस्टम के लिए गिद्ध का होना बहुत जरूरी है क्योंकि गिद्ध एकमात्र ऐसा प्राणी है जो सड़े हुए मांस को खत्म करता है पूरे विश्व में कुल 22 प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं जिसमें से भारत देश में 9 और मध्य प्रदेश में 7 प्रजातियों के गिद्ध पाए जाते हैं इनमें से 4 प्रजातियां स्थानीय और 3 प्रजातियां प्रवासी हैं, जो शीतकाल समाप्त होते ही वापस चली जाती हैं।
जंगलों को रखते हैं साफ और स्वच्छ...
जंगलों के सफाइकर्मी कहे जाने वाले गिद्धों की संख्या में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है गिद्द जो लगातार ही विलुप्त होने की कगार पर थे अब वह मध्यप्रदेश मे बढ़ने लगे हैं पिछले साल की तुलना में इस बार एक हजार गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।