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युवा शक्ति के उपयोग से राजनीति में हो सकते हैं सकारात्मतक बदलाव : गौतम

मध्याप्रदेश विधानसभा अध्यंक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में 11 वीं भारतीय छात्र संसद का सत्र आहूत

भोपाल। मध्यपप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मंगलवार को 11 वीं छात्र संसद के सत्र में राजनीति में युवा : भ्रम और यथार्थ विषय पर अपने विचार व्याक्तव किए। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, छात्र संसद के आयोजक एमआईटी वर्ल्ड  पीस यूनिवर्सि टी एवं एमआईटी स्कूील आॅफ गवर्मेंट, पुणे के  संस्थाकपक डॉ. विश्वानाथ कराड़ एवं प्रबंध निदेशक राहुल कराड़ विशेष रूप से उपस्थित थे। 

विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने अपने उद्बोधन की शुरूआत में अमर शहीद भगत सिंह के पुण्यस स्मिरण के साथ करते हुए कहा कि युवा को उम्र से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। युवा होने का अर्थ है जो कि व्यर्थ की बातों को सहन न करें और इसीलिए शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद युवाओं के रोल मॉडल हैं। 

गौतम ने कहा कि युवा को झरने की तरह सहज भाव से बहना चाहिए। झरना एवं नहर दोनों बहते हैं, किंतु झरना स्वजत: बहता है और नहर कृत्रिम रूप से, 21 वीं सदी में जो भ्रम है, संघर्ष है वह झरने और नहर के बहने का है जो युवाओं में साफ नजर आता है। उन्हों ने कहा कि जो समाज में व्यानप्तक कुरीतियों का विरोध नहीं करता है तो उसे युवा कैसे कहा जा सकता है। उम्र के आधार पर नहीं विचार और व्यकक्तित्वय के आधार पर युवा का निर्धारण किया जाना चाहिए। 

श्री गौतम ने कहा कि आज युवा राजनीति से जुड़े यह समय की मांग और आवश्य कता है। युवाओं के जुड़ने से ही राजनीति में सकारात्म क बदलाव आ सकते हैं। आज हर राजनीतिक दल यह चाहता है कि युवा उनसे जुड़े। 

श्री गौतम ने कहा कि आज युवा को राजनीति में होना चाहिए और उसे भ्रमित नहीं होना चाहिए। भूतकाल का पश्चा।ताप, वतर्मान का तनाव और भविष्यि का डर युवा को अपने मन से निकाल कर राजनीति में आना चाहिए।

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