भोपाल। जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम पर महिला कर्मचारी ने छेड़खानी के आरोप लगाए थे. जिसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जांच के आदेश दिए हैं. महिला कर्मचारी ने मदद के लिए मंत्री को पत्र लिखा था. वहीं बातचीत के दौरान मंत्री परमार ने कहा कि वह मामले की जांच करवा रहे हैं, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी बता दें महिला कर्मचारी का कहना था कि राजेश बाथम उसे रात को ऑफिस में रुकने के लिए दबाव बनाते थे. कई बार डीपीसी द्वारा मौका पाकर अश्लील हरकत करने की कोशिश भी की गई थी
महिला कर्मचारी ने पत्र के जरिए सुनाई आपबीती
'वह 2017 से ऑफिस में कार्यरत है. बाथम द्वारा मुझसे अश्लील हरकतें की जाती थीं, जो मैं इस पत्र में लिखना उचित नहीं समझती हूं.कोविड-19 के समय जब 20% कर्मचारियों का आदेश निकला था, तब भी बाथम ने मुझे अकेली महिला कर्मचारी को ऑफिस बुलाया. मेरे पास उस समय आने-जाने के लिए साथ नहीं था. इसके बाद भी मुझे घर से रोज ऑफिस काम के लिए बुलाया गया. मैं पूरा दिन ऑफिस में बैठी रहती थी. इस दौरान बाथम छेड़छाड़ करते थे. जब मैंने गंदी बातों को मानने से इंकार किया तो उन्होंने मुझे कई तरह से परेशान करना शुरू कर दिया. मेरा दूसरी जगह ट्रांसफर तक कर दिया. उन्होंने सरकारी वाहन अपने पास रख लिया. अधिकारियों के पूछने पर उन्होंने ड्राइवर के साथ मेरा नाम फंसाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास भी किया. मंत्री जी, बहुत से ऐसी बातें हैं, जो मैं इस पत्र में नहीं कर सकती हूं.
विधायक कृष्णा गौर भी मदद के लिए आईं आगे
महिला कर्मचारी ने परेशान होकर गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर से भी मदद की गुहार लगाई थी. मामला संज्ञान में आने के बाद कृष्णा गौर ने भी एक पत्र मंत्री को लिखा है, और न्याय दिलाने की बात कही है. वहीं शिक्षक संगठन भी महिला के पक्ष में उतर आए हैं. शासकीय अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से डीपीसी बाथम को पद से हटाकर जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है
मामले में डीपीसी की सफाई
इस पूरे मामले में डीपीसी राजेश बाथम कुछ भी कहने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा, 'मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, महिला के आरोप निराधार हैं. मैं उन्हें बेटी की तरह मानता हूं, बल्कि तीन महिला अधिकारियों को कार्यालय से सबसे पहले जाने की अनुमति देता हूं'