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पृथ्वीपुर उपचुनाव में सीएम vs पूर्व सीएम...

सीएम शिवराज ने खुद को विकास का गारंटर बताया तो कमलनाथ ने लोकायुक्त को कहा नकली

टीकमगढ़। तीन विधानसभा ओर 1 लोकसभा उपचुनाव समय नजदीक है... वही सियासी अखाड़े की मोर्चाबंदी में दांत पेंच जमकर चल रहे। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग तेज और तल्ख हो चली है... दोनों ने किसी ना किसी मुद्दे पर एक दसरे पर हमला किया। उपचुनाव को लेकर महंगाई, भ्रष्टाचार, योजनाओ जैसे तमाम मुद्दों पर सीएम शिवराज सिंह और कमलनाथ आमने सामने आ गए। अब सवाल यह है... कि बार पलटवार और प्रतिक्रियावादी सियासत के लिए जनता कहा तक मायने रखती है…?

चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से ही कांग्रेस जहा महंगाई, भ्रष्टाचार को लेकर चुनावी मैदान में उतरी है तो वही भाजपा ने विकास के मुद्दों पर पूरी दमखम लगा रही है। जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा वैसे ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जवानी लड़ाई तेज दिखाई पड़ी। रविवार को दो शीर्ष नेता सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ आमने सामने आ गए। एक सिलसिला चल पड़ा है,बार और पलटवार का। नई जंग का सबब है...भ्रष्टाचार। जहां पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के लोकायुक्त संस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा करते हुए लोकायुक्त को नकली बता दिया जिसकी कमान सरकार के हाथ में होना बताया। तो वही सेमरा पहुंचे जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए खुद को विकास का गारंटर बताया। बहरहाल पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री की इस फाइट से लगने लगा है कि मिशन उपचुनाव से पहले दोनों नेता प्रत्याशियो की जमीन पक्की करने की कोशिश कर रहे हैं,वजह चाहे जो भी हो। दोनों नेताओं की बयानबाजी से माहौल गर्म हो चुका है देखना यह है कि बयानों की जंग आखिर कहां तक पहुंचती है।

कमान सरकार के हाथ मे-

विदित है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को पृथ्वीपुर के दौरे पर रहे। कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए निशाना साधा की शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए सीधे लोकायुक्त पर ही बरस बैठे। कमलनाथ ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो हम असली लोकायुक्त बनाएंगे। इस तरह का नकली लोकायुक्त नहीं जिसकी लगाम सरकार के हाथों में हो। हमारे लोकायुक्त की चेन वकील, डॉक्टर और शिक्षकों के माध्यम से तैयार होगी। जिस प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के इस बयान को बेहद आपत्तिजनक बताया है। नरोत्तम का कहना है कि संसदीय प्रक्रिया से विधिक रूप से स्थापित लोक आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था पर कमलनाथ की टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है। मुझे तो इस बात की हैरत है कि लोगों की अपने संसदीय अनुभव की तुलना आखिरकार कमलनाथ किस ज्ञान के आधार पर करते हैं! कमलनाथ का यह बयान आने वाले दिनों में विवाद की वजह बन सकता है।

प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान रविवार को सेमरा में पहुंचे और उन्होंने एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के प्रत्याशी शिशुपाल यादव के लिए वोट मांगे। शिवराज ने खुद की सरकार और पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार की कार्यशैली में अंतर बताया।उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने जीरो परसेंट पर ब्याज खत्म कर दिया, कर्जा माफी की बात वल्लभ भवन में पहुंचते ही कमलनाथ भूल गए। गरीबों को मदद पहुंचाने वाली संबल योजना तक बंद कर दी। इतना ही नहीं, गर्भवती महिलाओं और गर्व के बाद सहायता के लिए महिलाओं को दिया जाने वाली 16000 रू की राशि भी कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया। निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ की सरकार ने लोगों मरने के बाद दिए जाने वाले कफन के पैसे तक बंद कर दिए। शिवराज ने आगे कहा कि हम विकास के गारंटर हैं और हमारी सरकार में किसी को डरने की जरूरत नहीं क्योंकि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार है। किसी से डरने की जरूरत नहीं है। आज अच्छे-अच्छे माफिया इंदौर और भोपाल में भागते फिर रहे हैं।

सरकार लेगी गारन्टी- शिवराज ने विकास कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार ने पृथ्वीपुर में अदरक की मंडी खोल दी गई। किसानों के लिए प्रधानमंत्री के 6000 रू और मुख्यमंत्री की तरफ से 4000 रू की सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही सरकार अब हर घर में पानी पीने का मुहैया कराने जा रही है। हर गरीब को आवास दिलाना भी सरकार की प्राथमिकता में है। शिवराज ने जनता को विश्वास दिलाया कि चुनाव आचार संहिता के चलते वह घोषणा तो नहीं कर सकते लेकिन उनकी हर मांग पूरी करने की सरकार गारंटी लेती है।

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