तीन महीने में भी एमडी लघुवनोपज संघ तक नहीं पहुंची फाइल
भोपाल। लघु वनोपज संघ के तहत विंध्य हर्बल में बीते डेढ़ दशक से जमे नाकेदारों और डिप्टी रेंजरों ने उनका डेपुटेशन खत्म करके जंगलों की रक्षा में तैनात करने की गुहार लगाई थी। हालांकि उनका लिखित आवेदन वाली फाइल तीन महीने बाद भी विंध्य हर्बल सीईओ कार्यालय से लघु वनोपज संघ नहीं पहुंच सकी है। वह भी तब, जब पीसीसीएफ ने तीन साल से ज्यादा एक ही जगह जमे कर्मचारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।
दरअसल विंध्य हर्बल में वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी आते हैं। इनको सामान्य प्रशासन विभाग और वन विभाग के नियम-निर्देशों के तहत तीन साल बाद प्रतिनियुक्ति समाप्त करके वापस वन सुरक्षा में तैनात करना चाहिए। हालांकि इसका पालन नहीं होने से डेढ़ दशक से नाकेदार और डिप्टी रेंजर विंध्य हर्बल में ही जमे हुए हैं।
इसको लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार गुप्ता ने बीती 29 जुलाई 2021 को निर्देशात्मक पत्र लिखा था, जिसमें साफ था कि तीन साल पूरे करने वाले कर्मचारियों को तत्काल हटाया जाए। बावजूद पीसीसीएफ के निर्देशों को कोई तवज्जो नहीं दी गई।
इन कर्मचारियों ने लिखा पत्र
बीते डेढ़ दशक से विंध्य हर्बल में डेपुटेशन पर जमे कर्मचारियों ने उनको हटाने के लिए 29 अगस्त 2021 को पत्र लिखा था। इनमें नाकेदार सतीश पटेल, प्रशांत लखेरा, गोपाल शरण तिवारी, केबीएस परिहार, अरविंद पानपाटिल, रुप सिंह राजपूत के अलावा डिप्टी रेंजर सविता धुर्वे और श्रीधर वर्मा शामिल हैं। इस पत्र को एसडीओ वीएस पिल्लई ने उसी दिन सीईओ के लिए फारवर्ड कर दिया था, तब से ही यह पत्र सीईओ आॅफिस में दबा पड़ा है।
तत्काल कार्रवाई होगी
इस बारे में विंध्य हर्बल के सीईओ से स्थिति के बारे में पता करते हैं। अगर लिखित में कर्मचारियों ने दे दिया है, तो पिर उनको रोके रखने का कोई औचित्य नही है। तत्काल कार्रवाई होकर डेपुटेशन मुक्त कर दिया जाएगा।
पुष्कर सिंह, एमडी, लघुवनोपज संघ