Type Here to Get Search Results !

राजाधिराज भगवान श्री महाकाल के जयकारों के साथ, हजारों भक्त भगवान श्री महाकाल के चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप के दर्शन पाकर हुए निहाल

जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के प्रयास से शाही सवारी की 

व्यवस्थाओं की भक्तों ने प्रशंसा की 

उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख, दक्षिणामुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। कार्तिक- मार्गशीर्ष (अगहन) माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में मार्गशीर्ष माह की अंतिम शाही सवारी में राजाधिराज भगवान श्री महाकाल राजसी ठाट-बाट के साथ सोमवार 29 नवंबर को अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। 

सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन पं. घनश्याम शर्मा द्वारा कराया गया। पूजन के उपरांत निर्धारित समय से भगवान महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना हुई । इस अवसर पर सभामंडप में ए.डी.एम. श्री संतोष टैगोर, ए.एस.पी. श्री अम्रेन्द्र सिंह, मंदिर के सहायक प्रशासक सुश्री पूर्णिमा सिंगी, श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी, श्री आर.पी. गेहलोत आदि उपस्थित थे। 

रजत जडित पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा सलामी दी गई। पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल, बैंड के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी। भगवान श्री के आगमन की सूचना देते उदघोषक , भक्ति में झूमते भक्तगण, झांझ-मंजीरों व शंखध्वनि से गुंजित  राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में हजारों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए झांझ मंजीरे डमरू, ढोल आदि बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमौलीश्वर के दर्शन के लिए खडे थे। जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं ने अपने आप को धन्य माना। श्रद्धालुओं द्वारा सवारी के आगे-आगे पुष्प  वर्षा की जा रही थी। भगवान श्री महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए बैंड बाजे, हाथी घोडे एवं कडाबीन के धमाके के साथ रामघाट पहुंची वहॉ पर मॉ क्षिप्रा के पवित्र जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक एवं पूजन-अर्चन के बाद सवारी अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर को रवाना हुई। 

भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी के दर्शन के लिये रामघाट, दत्त अखाडा घाट,  से रामघाट तक हजारों श्रद्धालु भक्तिभाव से खडे थे। जैसे ही पालकी घाट पर पहुंची ''जय महाकाल'' के उद्घोष से घाट गुंजायमान हो गया। रामघाट सुरक्षा के चाक चौबन्द इंतजाम थे। श्रद्धालुओं को सुगमता से पालकी के दर्शन हो सकें इस हेतु बैरिकेडिंग लगाकर व्यवस्था की गई थी। हजारों भक्तों ने पालकी में विराजित श्री चन्द्रमौलीश्वर के दर्शन किये। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में की गई बेहतर व्यवस्थाओं की भक्तों  ने प्रशंसा की ।

चॉदी का ध्वज सवारी में आकर्षक रहा 

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 12 किलो से अधिक चॉदी का 12 फीट का ध्वज शाही सवारी में आगे चल रहा था जो बडा ही आकर्षक लग रहा था।  पुलिस बैंड की धुनों, भजनों से सभी धन्य हुए.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.