Type Here to Get Search Results !

बैंक प्रबंधन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सेंट्रल बैंक कर्मियों का जोरदार प्रदर्शन

भोपाल। यूनाइटेड फोरम आॅफ सेंट्रल बैंक यूनियंस, जिसमें सेंट्रल बैंक में कार्यरत एआईबीईए - ए आईबीओए - आईएनबीईएफ - बीईएफआई - एनसीबीई - एनओबीडब्लू से संबद्ध संगठन शामिल हैं, के आह्वान  पर सेंट्रल बैंक के उच्च प्रबंधन की दमनात्मक, संस्था, ट्रेड यूनियन, बैंक कर्मचारी अधिकारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सेंट्रल बैंक कर्मी आंदोलित हैं। इसके चलते गुरुवार को भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित सेंट्रल बैंक के रीजनल आॅफिस के सामने कर्मचारियों अधिकारियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। 

ज्ञात हो कि पूर्व में 19 एवं 20 सितंबर 2022 को राष्ट्रव्यापी हड़तालें की जा चुकीं हैं एवं आने वाले दिनों में उनके द्वारा 18 दिनों में 90 रीजनल हड़तालों के आयोजन किए जाना है। हड़ताल के पूर्व प्रदर्शन एवं सभाओं के कार्यक्रम जारी हैं। गुरुवार के इस प्रदर्शन में सेंट्रल बैंक कर्मियों के अलावा इनके आंदोलन के प्रति एकजुटता का इजहार करने के लिए मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के आह्वान पर राजधानी भोपाल की विभिन्न बैंकों के सैकड़ों बैंक कर्मियों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई जिसे वीरेंद्र कुमार शर्मा, मोहम्मद नजीर कुरैशी, संतोष जैन, वी एस रावत, दीपक रत्न शर्मा, गुणाशेखरण, सत्येंद्र चौरसिया, महेंद्र गुप्ता, प्रभात खरे, अशोक पंचोली, जेपी दुबे, देवेंद्र खरे, राजीव उपाध्याय, जयदीप मलिक, योगेश मनुजा, किशन खैराजानी, बाबूलाल राठौर, भगवान स्वरूप कुशवाह, अमित गुप्ता, संतोष चौबे ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने बताया कि सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया में जंगलराज स्थापित है। बैंक के उच्च प्रबंधन द्वारा द्विपक्षीय समझौतों का पालन नहीं किया जा रहा है। इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट का घोर उल्लंघन हो रहा है । बैंक कर्मियों को स्थानांतर पॉलिसी का उल्लंघन कर एक तरफा नीतियों के तहत अनुचित स्थानांतर किए जा रहे हैं। यूनियनों पर हमले जारी हैं तथा प्रतिनिधित्व के अधिकार को उनसे छीना जा रहा है । यूनियन के पदाधिकारियों पर अत्याचार और प्रतिशोधी हमले आम बात हो गई है। आंदोलनों के दौरान बैंक कर्मियों को यूनियनों से अलग होने की धमकियां दी जा रही हैं तथा उन्हें यूनियनों से अलग कर यूनियनों को समाप्त कर बैंक में यूनियन विहीन वातावरण निर्मित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नई भर्तियों की जगह आउटसोर्सिंग जारी है। वक्ताओं ने मैनेजमेंट को आगाह किया कि भाई यूनियन के साथ वातार्लाप के माध्यम से मांगों एवं मुद्दों का निराकरण करे अन्यथा 22 नवंबर 2022 से 14 दिसंबर 2022 तक 18 दिनों के अंदर सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया में 90 रीजनल हड़ताल के आयोजन किए जाएंगे इसके बाद भी यदि मैनेजमेंट नहीं मानी उस स्थिति में जनवरी 2023 मैं सेंट्रल बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। 

प्रदर्शन एवं सभा में विभिन्न बैंकों के अधिकारी - कर्मचारी प्रभात खरे,अशोक पंचोली, देवेन्द्र खरे, जे पी दुबे, सत्येंद्र चौरसिया, संतोष मालवीय, बाबूलाल राठौर, महेंद्र तिवारी,दीपक नाथानी, विनोद भावसार, राजेश कुमार, राजेश परमाणी,संतोष मालवीय,रोशन मिंज,शैलेश वानखेड़े,राज भारती,आदित्य श्रीवास्तव,देव सोनगरा,रामु टेकम,जितेंद्र महावर, राजेश विश्वकर्मा,अनिल जैन, संदीप दल्वी ,कृष्णा पांडे , विजयपाल ,जीत सिंह नागर, प्रदीप कटारिया,ऋषभ मालवीय, अनुपम त्रिवेदी,राम कुमार साहू, रवि ठाकुर, अनिल जैन, बलराम मेहरा,सतीश सोनी, अतुल शर्मा, हरीश छुगानी, हरीश मोहनानी, कमल लालचंदानी, राजेश खोबरागड़े,सुधीर देशपांडे ,विनय नेमा, शाहिद खान, संतोष बवास्कर, ओम प्रकाश बहोत, बी एल पुष्पद, किशन खैराजानी,कैलाश माखीजानी,  अवध वर्मा ,प्रदीप कटारिया, आर के निगम, सुदेश कल्याणे, महेंद्र गुप्ता, खालिद सिद्दीकी, अजय जैन, धीरेंद्र राठौर, उषा असनानी ,रूपेंद्र शमी ,रितेश शर्मा, राम आसरे, रितेश शर्मा, वैभव गुप्ता,सनी श्रीवास्तव, सुनील फुलवानी, राकेश कटारे, बी के चौधरी, आशीष शर्मा,लीला किशन कुशवाह, अमित गुप्ता,  गोपाल राठौर, सतीश चौबे, अनिल मरोती, आदि उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.