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दीन की नेयमत की कद्र करो वरना यह छीन ली जाएगी: मौलाना अहमद खान

बेगमगंज। दीने इस्लाम की नेयमत हमें खुदा ने दी है हमने मांगी नहीं थी हमें दीन जैसी अजीम  नेयमत की कद्र करना चाहिए शुक्र करना चाहिए अगर हमने इसकी कदर नहीं की तो यह नेमत परवरदिगार हमसे छीन लेगा। यह दीन आखरी दीन है यह कुरान आखिरी किताब है और हमारे नबी  आखिरी नबी है इसके बाद कोई नबी नहीं आने वाला आज शकील बिन हनीफ का फितना सर उठाए हुए हैं हमारा मुकम्मल यकीन है कि अब कोई नबी नहीं आने वाला लेकिन वह अपने आप को मसीह और मेहंदी होने का दावा करता है जो झूठा है । पैग़ंबरे इस्लाम साडे 14 सो साल पहले ही बता गए कि कयामत से पहले इस तरह के फितने सामने आएंगे लोग झूठे नबी होने का दावा पेश करेंगे हमें उनसे बचना होगा। वह तब होगा जब हम दीन की कद्र करने वाले होंगे उलमा की सोहबत में बैठकर अपने मसले हल करने वाले होंगे।

जलसे को संबोधित करते प्रदेश अध्यक्ष

उक्त बात जामा मस्जिद में जमीअत उलमा ए हिंद बेगमगंज के दूसरे सालाना जलसे की अध्यक्षता कर रहे जमीयत उलेमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अहमद खान ने कही। उन्होंने शकील बिन हनीफ के फितने से लोगों को आगाह करते हुए बताया कि वह किस तरह से लोगों को गुमराह कर रहा है और गुलाम अहमद कादयानी जो अपने आपको नबी होने का झूठा दावा करता है उसकी फितने से भी आगाह करते हुए कहा कि अब कोई नबी नहीं आने वाला पैगंबरे इस्लाम आखरी नबी हैं इस पर हमारा मुकम्मल यकीन है। इसलिए जरूरत है कि हम अपने मसाइल उलमा के पास बैठकर हल करें।

जलसे की शुरुआत तिलावते कलाम पाक से मौलाना जैद जुल्फी ने की नात शरीफ का नजराना कारी असलम खां ने प्रस्तुत किया, जमीयत का परिचय मुफ्ती रुस्तम खान नदवी ने कराया साल भर का लेखा-जोखा तहसील अध्यक्ष  मौलाना सैयद जैद अली ने प्रस्तुत किया। शुरुआती खिताब मौलाना अदनान बारी नदवी ने प्रस्तुत किया वहीं भोपाल से पधारे मौलाना आबिद हुसैन, मौलाना रशीद उद्दीन, जिला काजी सैयद जहीरूद्दीन ने समाज सुधार को लेकर लोगों को अपनी जुबान पर काबू रखने, जाइज तरीके से पैसा कमाने और खर्च करने,तथा नबी के बताए तरीके पर पूरी जिंदगी गुजारने के लिए उलेमा से जोड़ रखने का आवाहन किया। आखिर में भोपाल से पधारे मौलाना रशीदउद्दीन खान ने मुल्क में अमनो अमान, बीमारियों और जलजले से मुल्क की हिफाजत, एक दूसरे से हमदर्दी, सही रास्ते पर जिंदगी गुजारने, गरीबों की मदद करने, पड़ोसियों का हक अदा करने भले ही पड़ोसी कोई भी धर्म से ताल्लुक रखता हो आदि की दुआ के साथ जलसे का समापन किया।जलसे  संचालन एवं आभार मुफ्ती असलात खां ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर विशेष रूप से मौलाना सामिद खां नदवी, हाफिज अकबर खान, मुफ्ती जुनैद खान, मौलाना फरीद साकिबी, मौलाना गय्यूर मजाहिरी,  कारी सरफराज खां, हाफिज अशफाक खान, कारी जुल्फेकार खां, मौलवी सगीर खां, हाफिज मतीन खान,अ.रहमान खान, कारी इरशाद खां, हाजी चांद मियां एड., हाजी नोमान बेग,शारिक शाह खान, समेत अनेकों गणमान्य नागरिक मौजूद थे।


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