दिल्ली की स्पेशल साइबर सेल मंगलवार रात गोपनीय तरीके से आईटी एक्सपर्ट अभिषेक मिश्रा को कोहेफिजा स्थित उनके घर से गिरफ्तार करके ले गई। एक महिला की शिकायत पर अभिषेक पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। उन्हें कांग्रेस आईटी सेल का सदस्य बताया जा रहा है। इधर, मप्र के गृहमंत्री बाला बच्चन ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर आपत्ति जताई है, उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पहले दिल्ली पुलिस को मप्र पुलिस को जानकारी देनी थी।
वहीं, कांग्रेस आईटी सेल के प्रभारी अभय तिवारी के मुताबिक अभिषेक न तो कांग्रेस का सदस्य है और न ही आईटी सेल में पदाधिकारी है। दिल्ली पुलिस अभिषेक के रूम से 10 लैपटॉप भी जब्त कर अपने साथ ले गई है। दिल्ली पुलिस अभिषेक मिश्रा से पूछताछ कर रही है।
मूलत: छतरपुर निवासी अभिषेक कोहेफिजा क्षेत्र में किराए से रहते हैं। मंगलवार को दिल्ली पुलिस की टीम उनके घर पहुंची और खुद को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताते हुए एक वेबसाइट बनवाने की बात की। अभिषेक कुछ समझ पाते, दिल्ली पुलिस की टीम ने उन्हें हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस ने अभिषेक के घर दबिश देने या उन्हें गिरफ्तार कर साथ ले जाने की जानकारी स्थानीय थाने या पुलिस कंट्रोल रूम तक को नहीं दी।
फैक्स से दी जानकारी: राजधानी पुलिस के एक अफसर का कहना है कि मध्यप्रदेश की सीमा से निकल जाने के बाद पुलिस कंट्रोल रूम को दिल्ली पुलिस ने फैक्स से अभिषेक की गिरफ्तारी की सूचना दी। बुधवार को कोर्ट में पेश कर अभिषेक को एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। सूत्रों के मुातबिक गुजरात और मप्र विधानसभा चुनाव में अभिषेक ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के खिलाफ प्रचार-प्रसार किया था, इससे बीजेपी को नुकसान हुआ। इससे केंद्र सरकार नाराज है।
सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन : राज्य सरकार ने गिरफ्तारी पर आपत्ति की है। गृह सचिव ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि अभिषेक की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है। गिरफ्तारी से पहले न ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया और न ही उसके परिजनों को सूचना दी गई। अभिषेक की इस तरह की गई गिरफ्तारी की जांच कराई जाना चाहिए। साथ ही नियम विरुद्ध गिरफ्तारी करने वाले अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।