भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग का 2 दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव शुक्रवार 24 अक्टूबर से भोपाल के कलियासोत कोलार रोड़ के मध्यप्रदेश भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में शुरू हुआ। राज्य स्तरीय कला उत्सवपहले दिन गायन, वादन, नृत्य, नाटक, कहानी वाचन, मूर्तिकला, चित्रकला, स्थानीय शिल्प एवं खेल-खिलौना निर्माण की प्रतियोगिताएँ प्रारंभ हुईं। कार्यक्रम का आकर्षण प्रदेश की लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियां रहीं।
कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में अपर परियोजना संचालक समग्र शिक्षा अभियान श्रीमती मनीषा सेतिया ने विद्यार्थियों से कहा कि कला उत्सव वास्तव में बच्चों का उत्सव है, जो उन्हें अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों से जोड़ता है। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को साकार करता है और भारत की समृद्ध कला परंपरा से विद्यार्थियों को परिचित कराता है। कला उत्सव के माध्यम से बच्चे पुस्तकों से बाहर निकलकर विभिन्न कलाओं में दक्ष बनते हैं। यह आयोजन भारतीय कला के संरक्षण का महत्वपूर्ण माध्यम है।
इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में मध्यप्रदेश के 9 संभागों से लगभग 250 विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं। कुल 12 प्रतियोगिता श्रेणियों में विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। लोकनृत्य की श्रृंखला में सागर संभाग की बालिकाओं ने ‘बधाई नृत्य’ की मनमोहक प्रस्तुति दी, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में विवाह एवं त्यौहारों के अवसर पर किया जाता है। जबलपुर संभाग की बालिकाओं ने ‘बरेदी नृत्य’ प्रस्तुत कर मध्य प्रदेश की देशज संस्कृति को सजीव कर दिया। शहडोल संभाग की बालिकाओं ने ‘गोंड जनजाति का गायकी लोकनृत्य’ प्रस्तुत किया, जो पशुपालकों द्वारा दीपावली पर किया जाता है। भोपाल संभाग की बालिकाओं ने ‘भगोरिया लोकनृत्य’ प्रस्तुत किया, जो भील जनजाति की विवाह परंपरा से जुड़ा नृत्य है और सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। सामूहिक लोकगीत प्रतियोगिता में सागर संभाग की बालिकाओं ने बुंदेली कजरी प्रस्तुत की, जो श्रावण मास में गाई जाती है और ऋतु परंपरा का सुंदर प्रतीक है।
भोपाल के अंश पाटीदार ने बांसुरी पर राग मेघ प्रस्तुत किया। सागर के केशव ने शहनाई पर मनमोहक प्रस्तुति दी। जबलपुर के छात्र पराग ने वायलिन वादन किया। तालवाद्य में भोपाल के कुणाल ठाकुर ने तबले पर तीनताल की प्रस्तुति दी तथा उज्जैन के राजपाल राव ने राग मधुमती प्रस्तुत किया। नाटक, कहानी वाचन और थिएटर प्रतियोगिता में भोपाल संभाग की बालिकाओं ने रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित लघुनाटिका प्रस्तुत की। इंदौर संभाग की बालिकाओं ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन एवं उनके लोककल्याणकारी कार्यों पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की। जबलपुर संभाग के विद्यार्थियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की। कहानी वाचन में इंदौर और सागर के विद्यार्थियों ने वीर तेजाजी के जीवन पर आधारित कहानी वाचन किया। भोपाल संभाग की बालिकाओं ने मुगलकालीन दास्तानगोई शैली में प्रस्तुति दी, जबकि जबलपुर संभाग के विद्यार्थियों ने सरदार ऊधम सिंह के जीवन पर आधारित कहानी वाचन प्रस्तुत कर देशभक्ति का भाव जगाया।
