मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इच्छाशक्ति से सब संभव हो जाता है। एक समय था जब कहा गया कि उज्जैन में नर्मदा जल लाना असंभव है। नर्मदा जल क्षिप्रा में ही नहीं गंभीर काली सिन्ध और पार्वती नदी में भी आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमता, बिजली उत्पादन, टेक्सटाईल, फार्मास्यूटिकल, अनाज उत्पादन, सड़क निर्माण सहित अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। एक समय प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ रूपये से भी कम हुआ करता था, जो आज बढ़ कर 3 लाख 14 हजार करोड़ रूपये हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रतलाम में रिडेन्सिफिकेशन प्लान में प्रदेश के पहले गोल्ड कॉम्पलेक्स 300 बिस्तरीय चिकित्सालय भवन, ऑडिटोरिमय एवं आवास गृहों का भूमि-पूजन कर शिलान्यास पट्टिकाओं का अनावरण किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रबुद्धजन को प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनाते हुए कहा कि प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) जो वर्ष 2001 तक 71 हजार करोड़ हुआ करता था, वर्ष 2021-22 में बढ़ कर साढ़े 3 लाख करोड़ हो गया है। प्रदेश ने विकास में एक लम्बी छलांग लगाई है। प्रति व्यक्ति आय 13 हजार रूपये से बढ़ कर एक लाख 40 हजार रूपये हो गई है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान 3 प्रतिशत से बढ़ कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। यह चमत्कार ही है कि सकल घरेलू उत्पाद 2016 से 2022 के बीच लगभग दोगुना हो गया। मध्यप्रदेश के विकास के समग्र, समन्वित और सुनियोजित प्रयास से ही मध्यप्रदेश 28वें नम्बर से आज टॉप 10 राज्यों की श्रेणी में आ गया है। यह सब जनता के सहयोग से ही संभव हुआ है।
