पर्युषण पर्व के तहत किए विधान में अर्घ्य चढ़ाए
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पर्यूषण पर्व |
बेगमगंज। पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में पर्यूषण पर्व के शुभ अवसर पर दूसरे दिन जैन धर्म अनुयाई भक्तों द्वारा भगवान का अभिषेक एवं पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया तत्पश्चात सागर से पधारे हुए पंडित अंकित शास्त्री द्वारा पर्युषण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव मनाया गया| शुरुआत श्री जी के अभिषेक, पंचामृत अभिषेक से की गई। लाभ और द्रव्य दान शांतिधारा के पश्चात गुरुदेव चित्र अनावरण, पादप्रक्षालन, शास्त्र भेट किया गया। शास्त्री जी ने मार्दव धर्म पर बोलते हुए कहा कि जीवन में व्यक्ति को किसी से अपेक्षाएं नहीं रखना चाहिए मार्दव धर्म के अभाव में मान कषाय जाग्रत हो जाती है मान व्यक्ति की सामाजिक,धार्मिक और आर्थिक छवि को खराब कर देती है। मुस्कराहट खुद तो घुमावदार है लेकिन आने वाली टेड़ी मेडी मुश्किलों को सीधा कर देता है जिस प्रकार डॉक्टर एक ही दवाई को तिन प्रकार से देता है एक पीने के लिए लिक्विड दूसरी गोली और तीसरी सिरिंज मतलब इंजेक्शन उसी प्रकार ये दिन तो दस है, लेकिन उनमे परोसेे जाने वाला धर्म एक जैसा है बस नाम अलग अलग है प्रतिदिन के अनुसार शाम को आरती, भजन, प्रवचन और सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हदाईपुर में भी श्रीजी की प्रतिमा का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन पाठ, आरती के आयोजन महाराज अपसंद सागर के मार्गदर्शन में किया गया। रात्रि में महाआरती का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सकल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अक्षय सर्राफ कार्यक्रम को लेकर कहा कि छोटा बनकर ही नहीं, अपितु हाथ जोड़कर भी जीना है। जो हाथ जोड़कर जीते हैं, वही जीते हैं। अहंकार, मान को त्यागकर विनय भाव धारण करें। विनय के बिना परमात्मा को नहीं पाया जा सकता।
इस अवसर पर मुकेश जैन पान, जयकुमार जैन, शिखर चंद जैन, मनोज जैन, विमल कुमार जैन, अजय जैन, प्रवीण जैन, संतोष जैन निक्की जैन, राजकुमार जैन, पंकज जैन अन्नू, दीपक जैन झंकार, शैलेंद्र अलंकार, अशोक जैन मंडी, जिनेश कुमार जैन, राजकुमार जैन प्रिंस, सुरेंद्र जैन वीरपुर, अरविंद जैन वीरपुर, चंद्रेश जैन आदि भक्तों द्वारा भक्ति पूर्वक पूजन अर्चन के कार्यक्रम को संपन्न कराने में व्यवस्थाएं करते नजर आए।