वर्मी कम्पोस्ट व नेडफ कम्पोस्ट खाद के गड्ढों जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
शाहजहांपुर।
उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने पाया कि 1958 में उक्त राजकीय कृषि प्रक्षेत्र स्थापित हुआ था जो 37.90 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है इसमें 34.40 हेक्टेयर भूमि पर पैडी, गेहूं बीज उत्पादन हेतु बुबाई की जाती है। जिलाधिकारी ने पाया कि उक्त कृषि फार्म में 2006-07 में 2.19 लाख, 2007-08 में 11.33 लाख रुपये, 2008-09 में 13.26 लाख रुपये, 2009-10 में 4.80 लाख रुपये, 2010-11 में 15.67 लाख रुपये एवं 2011-12 लगभग 19 लाख रुपयें का लाभ हुआ है। उन्होंने ये भी पाया कि 2012-13 में लगभग 2752 कुन्तल बीज का उत्पादन होगा जिसमें लगभग 30 से 37 लाख रुपये का अनुमानतः लाभ होगा।
उक्त अवसर पर कृषि फार्म पर वर्मी कम्पोस्ट व नेडफ कम्पोस्ट खाद के गड्ढों जिलाधिकारी द्वार निरीक्षण किया गया। उन्होंने निर्देश दिये कि अधिक से अधिक उक्त खादों का उत्पादन करें और उत्पादित खाद से फसल तैयार करें। इससे किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे रासायनिक खादों के स्थान पर देशी खादों का प्रयोग शुरु करेगे। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि बोये गये क्षेत्र में 12 हेक्टेयर में रोटेशन से हरी खाद ढैंचा बोते हुए भूमि में मिलाई जाती है। हरी खाद के अतिरिक्त डीएपी व यूरिया डाली जाती है। उन्होंने बताया कि यहां कि भूमि उसरीली एवं बलुई दोमट है। पैडी में 154 मजदूर प्रति हेक्टेयर लगते है, रवी में 82 मजदूर प्रति हेक्टेयर लगते है।
जिलाधिकारी ने उक्त कृषि फार्म में .35 हेक्टेयर में बने तालाब सहित कृषि प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया और तालाब में मत्स्य पालन हेतु किये जा रहे कार्यो की जानकारी की। कृषि अधिकारी ने बताया कि उक्त तालाब इसी वर्ष मार्च में बनवाया गया है और इसमें रोहू, कतला, ग्रास कार्प आदि के 6000 मत्स्य बीज डाले गये है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि उक्त कृषि फार्म को कृषि विविधीकरण योजनान्तर्गत लेते हुए विकसित करें। यहां दुग्ध, मुर्गी, मत्स्य पालन एवं बर्मी कम्पोस्ट व नेडफ कम्पोस्ट खाद बनाने तथा उद्यानीकरण करते हुए फल सब्जियों आदि की खेती करते हुए उत्पादन बढ़ायें। ताकि कृषकों को माॅडल कृषि फार्म के रुप में दिखाया जा सकें और इससे प्रेरित होकर किसान कृषि विविधीकरण को अपनाकर अपनी आय बढ़ायें। इससे कृषि फार्म विकसित होगा और आय भी बढेगी।
उक्त अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जर्नादन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आन्द्रा वाम्सी, उपनिदेशक कृषि राधाकृष्ण यादव, जिला कृषि अधिकारी अखिलानन्द पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।