खुदी को कर बुलन्द इतना की हर तकदीर से पहले,
खुदा खुद बन्दे से पूछे, बता तेरी रजा क्या है.
बरेली के शूटर आमिर खां कुछ इसी हौसले से जिंदगी में नित नये मकाम हासिल करते जा रहे हैं। आगामी 27 व 28 जनवरी को दिल्ली के कर्णी रेंज में फाइनल ट्रायल के दौरान अगर आमिर का निशाना ठीक बैठा तो वो जूनियर इण्डिया टीम का हिस्सा बन जायेंगे। मूल रूप से एटा के गोरचा नहरवाला गांव के रहने वाले आमिर बरेली की शूटिंग के लिए किसी सौगात से कम नहीं। उनकी मेहनत व लगन देख कर हर कोई बस यही कहता है एक दिन आमिर जरूर दुनिया में मुल्क का नाम रोशन करेगा।
बरेली कालेज के छात्र आमिर ने सन् 2006 में इंटरनेशनल शूटर कमल सेन के कैंप से अपने कैरियर की शुरूआत की थी,बस तब से कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आठ बार स्टेट चैम्पियनशिप में हिस्सा ले चुके आमिर बरेली के पहले शूटर हैं, जिन्होने एयर पिस्टल जूनियर वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। सन् 2009 के मण्डल गेम में आमिर ने आठ मेडल हासिल किए थे। 2008 से 2012 तक आमिर ने हर बार स्टेट चैम्पियनशिप में मेडल हासिल किया है। विगत पांच साल से लगातार आल इण्डिया इंटर यूनिवर्सिटी शूटिंग प्रतियोगिता में ये भाग लेते रहे है, जिसमें इनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है। इनके हिस्से में अब तक दो दर्जन से ज्यादा मेडल आ चुके हैं।
एयर पिस्टल में आमिर को 2012 के प्रदर्शन के आधार पर 56वीं नेशनल चैम्पियनशिप में भागीदारी का मौका मिला, जहां इनका निशाना मेडल पर तो नहीं लगा, मगर 56वीं नेशनल चैम्पियनशिप में आमिर का सिविल में 13वां रैंक रहा। इस प्रदर्शन के आधार पर इन्हे ट्रायल में हिस्सा लेने का अवसर मिला। अगर आमिर इसमें अच्छा स्कोर करते हैं तो उनका टीम इण्डिया में चयन तय है।

बावजूद इसके अपने हौसले के दम पर यह होनहार बहुत कुछ करने का साहस रखता है। इसका एक ही सपना है, देश के लिए मेडल जीतना। इसके लिए यह पूरा ध्यान शूटिंग पर लगाकर अपनी साधना में लीन है। बस जरूरत है, प्रदेश सरकार को इसे संसाधन मुहैया कराने कि, ताकि प्रदेश व देश के लिए आमिर मेडल जीत सके।