महाभारत में पांचाली का पात्र सजीव और तत्कालीन नैतिकता की कसौटी पर था, लेकिन बेगमगंज के अनुविभागीय दंडाधिकारी के सामने पहुंची गुलाबो की परेशानी यह थी कि, वह अपने दो पतियों में से किसका फाइनल सेलेक्शन करे।
दरअसल, एसडीएम कोर्ट में शुक्रवार को एक महिला के दो-दो पति सामने आने पर अजीबो गरीब हालात हो गए। यहां तक की एसडीएम भी कुछ देर के लिए उलझ गए। यहां एक महिला के लिए दो दो पति अपना अपना दावा ठोक रहे थे, कानून का चाबुक चला और एसडीएम ने महिला के बयानों के आधार पर असली पति परमेश्वर की पहचान करके सुपुर्द करते हुए उसके प्रेमी से कथित झूठे पति बनने वाले को कड़ी फटकार लगाई। आखिरकार तय हुआ कि, महिला की मर्जी होने पर पति तो प्रेमी बन सकता है, लेकिन प्रेमी कतई पति नहीं बन सकता।
प्रेमी संग गई, पति संग लौटी

प्रेमी के पति बनने को नहीं माना गया
जिला पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला के निर्देशन में पुलिस ने वारंट की तामीली करके गुलाबो को दस्तयाब करते हुए शुक्रवार को एसडीएम लखनसिंह तेकाम की कोर्ट में पेश किया। यहां पर गुलाबो को अपनी असली बीबी बताते हुए दोनों ने हक जताया। इस पर एसडीएम ने दोनों पक्षों के बयान लेने व दलीले सुनने के बाद शादी के दस्तावेज मांगें, जिस पर कथित प्रेमी महेश कोई ऐसा दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। दूसरी ओर, भैयालाल ने दस्तावेज पेश करते हुए गवाह भी पेश किए। इसके बाद भी कोर्ट ने गुलाबो से उसकी मर्जी पूछी, जिस पर उसने बताया कि वह तो अपने असली पति के साथ ही रहना चाहती है, अब उसे छह महीने पुराने प्रेमी के साथ नहीं जाना।
आखिरकार प्रेमी ने घुटने टेक ही दिए
