रेलिक रिपोर्टर, बेगमगंज.
 
अभावग्रस्त
 व्यक्ति भी जीवन की उच्चतम ऊंचाईयो तक पहुंच सकता है, स्वामी विवेकानंद जी
 के जीवन से हमे सीख लेने की जरूरत है। उन्होने विदेशो में भी भारतीय 
संस्कृति को प्रस्तुत करने में पीछे नहीं रहे। आज जरूरत है स्वामी जी के 
आदर्शों से सीख लेने की।
यह विचार सरस्वती विद्या मंदिर में स्वामी 
विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मंडी 
उपाध्यक्ष पं. नेतीशरण भार्गव ने व्यक्त किए। विवेकानंद जी के जीवन चरित्र 
पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि विदेश में अपने भाषण से स्वामी जी ने भारत की 
विजय पताका लहराई जो आज भी दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
    विवेकानंद 
शिक्षा परिषद के अध्यक्ष राकेश भार्गव ने भारत को जग सिर मोर बनाने में 
भैया बहिनों का विशेष सहयोग बताया। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा 100 से अधिक
 विवेकानंद स्वरूपों ने स्वामी जी के अमृत वचन प्रस्तुत किए। नृत्य एवं 
अनेक गीतों द्वारा कार्यक्रम में भव्यता देखने को मिली। इस अवसर पर बद्री 
विशाल गुप्ता, धनसिंह कुश्वाहा, मोहनलाल सोनी, नपा उपाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह
 जाट, मुख्य रूप से उपस्थित थे। प्राचार्य अशोक कुमार दुबे द्वारा आभार एवं
 भैया राहुल बिल्थरे द्वारा संचालन व किशोर भारती के अध्यक्ष अभिषेक पटेल 
द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।
युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जंयती मनाई
जनवरी 12, 2015
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