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कर्मचारियों के बजाय विधायकों को एनपीएस के दायरे में लाया जाए

विधायकों की पेंशन 60 हजार रुपए करने के प्रस्ताव पर भड़के कर्मचारी संगठन

भोपाल। विधायकों की पेंशन 40 हजार रुपए मासिक से बढ़ाकर 60 हजार रुपए किए जाने की मांग को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जायज ठहराने पर प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने तीखे स्वरों में इसका विरोध करते हुए दो टूक कहा है कि अगर ऐसा होता है तो प्रदेशभर में आंदोलन भड़क जाएगा। इसके विरोध में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान महादान अभियान भी चलाया जाएगा। 

दरअसल विधानसभा में पूर्व विधायकों के स्नेह मिलन सम्मेलन कार्यक्रम में पूर्व विधायकों ने अपनी पेंशन 35 हजार से बढ़ाकर 60 हजार रुपए प्रति माह देने की मांग रखी। विधायकों का कहना था कि महंगाई के इस दौर में इतनी कम पेंशन में उन्हें गुजारा करना मुश्किल हो जाता है। पूर्व विधायकों के इस मांग को जायज ठहराते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 60 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दिलाने के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे। इसकी जानकारी लगते ही कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम लागू की गई है तो विधायकों और सांसदों को भी एनपीएस ही मिलनी चाहिए।

कर्मचारियों के लिए एनपीएस और विधायकों को ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं चलेगी। या तो सरकार कर्मचारियों को भी ओपीएस दे या फिर विधायकों सांसदों को भी एनपीएस के दायरे में लाया जाए। 

                  महेशप्रसाद द्विवेदी, अध्यक्ष, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ

ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग सभी कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। दूसरी ओर विधायकों की पेंशन बढ़ाने का मसौदा है, जिसका हम विरोध करते हैं और सभी के लिए एक समान पेंशन की मांग करते हैं।

              देवेंद्र कुमार यादव, अध्यक्ष, राजपत्रित अधिकारी संघ

माननीयों के हाथ में सबकुछ है, तो अपनी पेंशन कितनी भी बढ़ा लें, लेकिन कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन मिलने की हमारी मांग है। अगले चुनाव में मतदान महादान अभियान चलाने की तैयारी है। 

               उपेंद्र सिंह बघेल, अध्यक्ष, मप्र पटवारी संघ

विधायकों की मांग के बाद सरकार को सोचना है कि किसका अच्छा करना है और किसका नहीं करना। हमारी मांग तो ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की है, उम्मीद है कि चुनाव से पहले हमारी सुनवाई हो जाएगी। 

                 गुलाब सिंह बघेल, अध्यक्ष, राजस्व प्रशासनिक सेवा संघ

सरकार का रवैया कर्मचारी विरोधी बना हुआ है, जिसके चलते बिना सुप्रीम कोर्ट की रोक लगे पदोन्नति ठप पड़ी हुई। अब विधायकों की पेंशन बढ़ती है तो कर्मचारियों को भी ओपीएस दी जाना चाहिए। 

               जितेंद्र सिंह, अध्यक्ष, संयुक्त कर्मचारी अधिकारी मोर्चा

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