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अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज के तत्वधान में, धूमधाम से मनाई गई गुरु दत्तात्रेय जयंती

भगवान दत्तात्रेय शोभा यात्रा

शब्बीर अहमद, बेगमगंज। अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज  के तत्वधान में उमरहारी गांव स्थित जीवित समाधी स्थल से गांव के  मुख्य मार्गों में धर्म ध्वजा, भजन मंडली, कलश, गाजेबाजे के साथ संतों एवं सर्व समाज के सदस्यों ने भगवान गुरु दत्तात्रेय की झांकी के साथ शोभायात्रा निकाली।

दैनिक हवन, पूजन, अनुष्ठान के बाद दिन में करीब एक बजे भक्तों ने जीवित समाधी स्थल से भगवान दत्तात्रेय के जयकारों के साथ शोभायात्रा की शुरुआत की।  जो हनुमान मंदिर, माता मंदिर सहित ग्राम के मुख्य मार्गो में ढोल-नगाड़ों दुलदुल घोड़ी, घोड़ों का नाच के साथ झांकी निकाली गई। संतों एवं भगवान के भक्तों ने भगवान दत्तात्रेय के जयकारों के साथ गांव का भ्रमण किया ।

इस दौरान लोग भजन, कीर्तन करते हुए मधुर संगीत की धुन पर जमकर थिरके। कलाकारों ने कई जगह रुक-रुक कर गीत, नृत्य किया। झांकियों के माध्यम से विभिन्न धार्मिक प्रसंगों का मंचन किया। उक्त स्थानों पर झांकी निकालने के बाद जीवित समाधी स्थल पर पहुंचे। जहां सैकड़ों लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद लिया।

धर्म सभा को संबोधित करते हुए महंत देवेंद्र गिरी गोस्वामी ने कहा हिन्दू धर्म शास्त्रों में भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेव यानी ब्रह्म, विष्णु और महेश का स्वरूप माना गया है. भगवान दत्तात्रेय महायोगी और महागुरु के रूप में भी पूजनीय हैं. क्योंकि शास्त्रों के मुताबिक भगवान दत्तात्रेय द्वारा चौबीस गुरुओं से शिक्षा ली गई. जिनमें मनुष्य, प्राणी, वनस्पति सभी शामिल थे. इसलिए दत्तात्रेय की उपासना धार्मिक दृष्टि मोक्षदायी मानी गई है।

पं. राम जी शास्त्री ने  भगवान दत्तात्रेय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा भगवान दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल यानी शाम के वक्त माना गया है. यही कारण है हर पूर्णिमा तिथि पर भी दत्तात्रेय की उपासना ज्ञान, बुद्धि, बल प्रदान करने के साथ शत्रु बाधा दूर कर कार्य में सफलता और मनचाहे परिणामों को देने वाली मानी गई है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय भक्त की पुकार पर शीघ्र प्रसन्न होकर किसी भी रूप में उसकी कामना पूर्ति और संकटनाश करते हैं। 

श्री दत्तात्रेय भगवान विष्णु के छठे अवतार :- युवा नेता महेंद्र पूरी गोस्वामी ने संबोधित करते हुए कहा मुनि अत्रि और महान योगिनी अनसूया माता के पुत्र दत्त के त्रिमूर्ति रूप देख साक्षात् ब्रह्मा, विष्णु और महेश के दर्शन होते हैं। त्रिदेवी अर्थात सावित्री, लक्ष्मी और पार्वती के त्रिदेवों यानी बह्रा, विष्णु और शिव के इच्छा भोजन के लिए श्री दत्त का अवतार हुआ है।

शोभायात्रा में अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी समाज के जिला अध्यक्ष महंत बालगिरी गोस्वामी, कार्यक्रम अध्यक्ष  धर्मपुरी गोस्वामी, संरक्षक महेंद्र पुरी गोस्वामी, जिला सचिव  सत्यवन गोस्वामी, बेरखेड़ी गुसाईं महंत देवेंद्र गिरी गोस्वामी, राजा गिरी गोस्वामी, जिला महामंत्री रतन पुरी गोस्वामी, सहित सैकड़ों गोस्वामी समाज के साथ अनेक सर्व समाज के भक्तजन मौजूद रहे।


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